महराजगंज: आस्था का महापर्व छठ पूजा की तैयारियों में जुटे
छठ पूजा वैसे तो मुख्य तौर पर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है, लेकिन अब इसकी ग्लोबल पहचान बन चुकी है। लोग आस्था के इस पर्व में उगते और डूबते हुए सूर्य की आराधना की जाती है। आपको बता दें कि दीपावली के छठे
संवाददाता - सौरभ कुमार
महराजगंज। छठ पूजा वैसे तो मुख्य तौर पर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है, लेकिन अब इसकी ग्लोबल पहचान बन चुकी है। लोग आस्था के इस पर्व में उगते और डूबते हुए सूर्य की आराधना की जाती है। आपको बता दें कि दीपावली के छठे दिन से शुरू होने वाले इस छठ पर्व की तैयारियां तेज हो गई हैं।
बिहार राज्य के साथ ही पूर्वांचल में काफी धूमधाम से मनाया जाने वाले छठ पर्व को लेकर जनपद - महराजगंज में तैयारी जोरों शोरो से पर चल रही है। स्थानीय लोगों के द्वारा घुघली नगर के बैकुंठी घाट पर छठ माता की बेदी को तैयार कर अलग-अलग कलर में सजाया गया है। जिले के 700 घाटों पर किया जाएगा पूजा - अर्चना। छठ पर्व को लेकर घाटों पर सुरक्षा के मद्देनजर ड्रोन कैमरे से निगरानी की जाएगी तथा पुलिस फोर्स व मजिस्ट्रेट का भी तैनाती की गई है।
यह पर्व अपने पुत्र और पति की लम्बी आयु के लिए होती है। जिसमें महिलाएं 36 घंटे का कठिन निर्जला उपवास रखती हैं. कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि को पहले दिन नहाय खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते सूर्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद छठ पूजा का समापन होता है. फिर व्रत का पारण किया जाता है।
छठ के दिन नाक से माथे तक सिंदूर लगा कर घाट पर बैठी वृत्ति अपनी हजारों पीढ़ी की छाया में होती है, बल्कि वह उन्ही का स्वरूप होती है। इनके दउरे में केवल फल नहीं होते, समूची प्रकृति होती है। इस पर्व को प्रकृति का महापर्व भी कहा जाता है।
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