सूर्य मकर राशि में 15 जनवरी को अगली सुबह 3 02 बजे प्रवेश करेगा इसलिए मकर संक्रांति का पर्व कल मनाया जाएगा।
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धार्मिक दृष्टि से महत्व
इस दिन कई तरह के धार्मिक कार्य भी किए जाते हैं। कई दृष्टि से इस पर्व का महत्व है।
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गंगा स्नान और दान का महत्व
इस दिन गंगा स्नान किया जाता है। उसके बाद दान भी दिया जाता है। गंगा स्नान और दान को इस दिन बहुत ही शुभ माना जाता है।
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राज्यों में अलग अलग नाम से की जाती है सेलिब्रेट
यूपी बिहार में ये खिचड़ी के नाम से मनाई जाती है। तमिलनाडु में इसे पोंगल कर्नाटक करेल आंध्र प्रदेश में इसे मकर संक्राति और असम में इसे बीहु नाम से मनाई जाती है।
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क्यों खाते हैं दही चूड़ा
यूपी बिहार में विशेष कर मकर संक्रांति को खिचड़ी नाम से जाना जाता है। इस दिन दही चूड़े का सेवन वहां के लोग करते हैं।
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खिचड़ी का महत्व
इसी समय धान की फसल की कटाई होती है और नए चावल निलकते हैं। इन्हीं चावल की खिचड़ी बना कर सूर्य देव को भोग लगाया जाता है इसलिए मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बनाई जाती है।
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तिलकुट खाने का महत्व
तिल के लड्डू और तिल की गजक और तिलकुट खाने का महत्व है।