उज्जैन में सुजलाम जल महोत्सव के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने महाकाल मंदिर में देश के पहले जल स्तंभ का अनावरण किया।
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बता रहा जल का महत्व
दुनिया को जल का महत्व बताने के लिए महाकाल मंदिर में इस जल स्तंभ को स्थापित किया गया है।
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60 किलो चांदी से बना
देश के पहले जल स्तंभ का निर्माण 60 किलो चांदी से किया गया है। इसकी ऊंचाई 12 फीट और व्यास 2 फीट का है।
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स्तंभ पर वेदों की ऋचाएं
जल स्तंभ पर चारों वेदों में जल के महत्व को बताती वेदों की ऋचाएं और उनका हिंदी अनुवाद उत्कीर्ण है।
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कुंड के बीच जल स्तंभ
महाकाल मंदिर में जल कुंड के बीच जल सतंभ को स्थापित किया गया है। इसके चरों और लाइटिंग भी है।
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सुदर्शन का उदाहरण देकर समझाया
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि सुदर्शन जी हमें बताते थे जल का महत्व। आज भी उनका बताया हुआ चलता है कि गिलास आधा भरो जरुरत से ज्यादा मत भरो।
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पहले महाकाल का पूजन फिर जल स्तंभ का अनावरण
कार्यक्रम में शामिल होने से पहले मोहन भागवत ने महाकाल मंदिर पहुंचकर गर्भगृह में भगवान महाकाल का पूजन किया। इसके बाद मंदिर के आंगन में स्थापित वेद ऋचाओं से युक्त देश के पहले जल स्तंभ का अनावरण किया।
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Jal Stambh Ujjain: ऐसा है देश का पहला जल स्तंभ 60 किलो चांदी से बनाया