फाल्गुन चतुर्दशी के दिन भगवान शिव अपने बैरागी रूप को छोड़कर माता पार्वती के संग विवाह करके गृहस्थ जीवन में प्रवेश किए थे इसलिए इस दिन को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की खुशी में महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है
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महादेव को करें प्रसन्न
देवों के देव महादेव अपने भक्तों से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं महाशिवरात्रि के दिन सभी भक्त भगवान शिव शंकर की विधि विधान से पूजा अर्चना करके महादेव को प्रसन्न करते है
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पुजा विधि
इस दिन भगवान शिव के जलाभिषेक करने के लिए गंगाजल और उसके साथ भांग धतूर बेलपत्र दूर्वा को शिवलिंग पर अर्पित किया जाता है इससे भगवान शंकर जल्दी प्रसन्न हो जाते है
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रुद्रभिषेक
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आप भगवान शिव को रुद्राभिषेक करते हैं तो इससे महादेव बेहद खुश हो जाते हैं वैसे तो महादेव भक्तों के भाव प्रेम उपासना से भी खुश हो जाते हैं लेकिन महादेव को सबसे ज्यादा खुश रुद्रभिषेक से होते है
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महाकाल मंदिर विशेषता
उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर की मूर्ति दक्षिणमुखी होने के कारण दक्षिणामूर्ति मानी जाती है यह एक अनूठी विशेषता है जिसे तांत्रिक परंपरा द्वारा केवल 12 ज्योतिर्लिंगों में से महाकालेश्वर में पाया जाता है महाकाल मंदिर के ऊपर गर्भगृह में ओंकारेश्वर शिव की मूर्ति प्रतिष्ठित है
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महाकाल दर्शन के लाभ
प्राचीन समय में एक सप्तपुरियों में से एक बाबा महाकाल की नगरी उज्जयिनी को संपूर्ण पृथ्वी का केंद्र बिंदु माना जाता है ऐसा माना जाता है कि यहां पर स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है
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शिव पार्वती विवाह
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर मेरठ के बिल्वेश्वरनाथ मंदिर में भव्य नजारा देखने को मिलेगा इस दिन भक्तों को माता पार्वती और देवों के देव महादेव का भव्य विवाह देखने को मिलेगा
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बिल्वेश्वरनाथ मंदिर के महत्व
मेरठ में स्थित बिल्वेश्वरनाथ मंदिर का इतिहास लगभग 5000 वर्ष पुराना है ऐसा माना जाता है कि रामायण काल के अनुसार मंदोदरी इसी स्थान पर भगवान शिव का विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करती थी