बुरे दौर से गुजर रहा अडानी ग्रुप आंध्र प्रदेश में लगाएगा दो सीमेंट प्लांट

इस बुरे दौर के वक्त में अब अडानी ग्रुप आंध्र प्रदेश में दो सीमेंट प्लांट और एक डेटा सेंटर खोलने जा रहा है। दरअसल शुक्रवार को गौतम अडानी के बेटे करण अडानी जो अडानी पोर्ट्स और एसईजेड लिमिटेड के सीईओ भी उन्होंने आंध्र प्रदेश में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट भाग लिया।

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हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी ग्रुप को एक के बाद एक बड़े झटके लगे है अडानी ग्रुप की सभी कंपनियां धीरे-धीरे घाटे में आ गई। खुद गौतम अडानी जो दुनिया के टॉप अमीरों की लिस्ट में दूसरें नंबर पर आ गए थे देखते ही देखते टॉप-25 की लिस्ट से भी बाहर हो गए। इस बुरे दौर के वक्त में अब अडानी ग्रुप आंध्र प्रदेश में दो सीमेंट प्लांट और एक डेटा सेंटर खोलने जा रहा है। दरअसल शुक्रवार को गौतम अडानी के बेटे करण अडानी जो अडानी पोर्ट्स और एसईजेड लिमिटेड के सीईओ भी उन्होंने आंध्र प्रदेश में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट भाग लिया।

इस दौरान करण अडानी ने कहा कि, "समूह ने राज्य में कृष्णापटनम और गंगावरम में संचालित 2 समुद्री बंदरगाहों की क्षमता को दोगुना करने की योजना बनाई है लेकिन इसमें कितना इन्वेस्ट होगा इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। राज्य में अडानी ग्रुप पहले से 20,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ टॉप पर है, जिसके जरिये 18,000 से अधिक प्रत्यक्ष और 54,000 अप्रत्यक्ष लोगों को रोजगार भी दिया गया है।"

जानकारी के मुताबिक, कडप्पा और नादिकुडी में 10 मिलियन टन की कुल क्षमता वाले सीमेंट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाए जाएंगे। जिससे राज्य में लोगों को रोजगार के काफी असर भी प्राप्त होंगे। इसके अलावा अडानी ग्रुप विशाखापत्तनम में 400 मेगावाट का एक डेटा सेंटर भी तैयार करेगा। फिलहाल के समय में आंध्र प्रदेश में अडानी ग्रुप के पास कृष्णापटनम और गंगावरम नाम के दो निजी बंदरगाह है जिनकी क्षमता 100 मिलियन टन प्रतिवर्ष है और इनका संचालन अडानी ग्रुप करता है। अब आने वाले समय में अडानी ग्रुप इन दोनों बंदरगाहों की क्षमता को दोगुना करने की तैयारी कर रहा है।

इसके अलावा इन दोनों बंदरगाहों को औद्योगिक बंदरगाह शहरों में बदलने का भी काम तेजी से अडानी ग्रुप कर रहा है। इसके अलावा आने वाले कुछ सालों में अडानी ग्रुप राज्य के पांच जिलों में 15,000 मेगावाट अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं का विकास करने का प्लान कर रहा है। बता दें, बुरे दौर से गुजर रहे अडानी ग्रुप के लिए ये प्रोजेक्ट काफी अहम है वहीं हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए अडानी ग्रुप हर संभव कोशिश कर रहा है।

पिछले कुछ दिनों से अडानी ग्रुप के 10 शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है जिससे ग्रुप ने थोड़ी राहत की सांस जरुर ली है लेकिन इससे ज्यादा नुकसान की भरपाई नहीं होने वाली है। अभी तक अडानी ग्रुप का मार्केट कैप 12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा गिर चुका है। First Updated : Friday, 03 March 2023