5G Spectrum Auction: देश में पांचवीं पीढ़ी की 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी प्रक्रिया दूसरे दिन बुधवार को भी चल रही है। निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियां रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और अडाणी एंटरप्राइजेज भी इस नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा ले रही है। 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के पहले दिन 1.45 लाख करोड़ रुपये की बोलियां आईं है।
इस बीच दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि दूसरे दिन की नीलामी के लिए बोली लगाने की प्रक्रिया सुबह 10 बजे शुरू हुई है। उन्होंने अनुमान जताया कि शाम छह बजे के निर्धारित समय के पहले ही बोलियां लगाने का सिलसिला पूरा हो जाएगा। वैष्णव ने कहा कि सरकार को पहले दिन 5जी स्पेक्ट्रम के लिए उम्मीद से कहीं ज्यादा 1.45 लाख करोड़ रुपये की बोलियां मिली हैं, जो साल 2015 के रिकॉर्ड को पार कर गया है।
उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम की नीलामी के पहले दिन चार दौर की नीलामी हुई है। इसमें मध्यम और उच्च बैंड में कंपनियों की रुचि ज्यादा रही। इन कंपनियों ने 3300 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज बैंड और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में मजबूती से बोलियां लगाई है। 5जी स्पेक्ट्रम के लिए मुकेश अंबानी, सुनील भारती मित्तल और गौतम अडाणी की कंपनियों ने अब तक की सबसे बड़ी नीलामी के लिए बोली लगाई है।
सरकार ने 5जी स्पेक्ट्रम 14 अगस्त तक आवंटित किये जाने का लक्ष्य रखा है, जबकि इसकी सेवाएं इस साल के अंत तक कई शहरों में शुरू होने की उम्मीद है। देश में 5जी सेवाओं के आने से इंटरनेट की गति 4जी के मुकाबले करीब 10 गुना ज्यादा हो जाएगी। 5जी स्पेक्ट्रम की वैधता 20 साल के लिए होगी। 5जी स्पेक्ट्रम के लिए चार प्रमुख दूरसंचार मोबाइल कंपनियों ने 21,800 करोड़ रुपये बतौर बयाना जमा कराया है। रिलायंस जियो ने 14 हजार करोड़ रुपये एयरटेल ने 5,500 करोड़ रुपये, वीआई ने 2,200 करोड़ रुपये और अडानी डेटा नेटवर्क्स ने 100 करोड़ रुपये जमा कराया है। First Updated : Wednesday, 27 July 2022