Patanjali Foods Share : बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि का बिजनेस आज देश के अगल-अगल क्षेत्रों में फैला हुआ है। कंपनी के प्रोडक्ट्स को लोग बहुक पसंद करते हैं। देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनियों में से एक पतंजलि है। आपको बता दें कि शहर से लेकर गांव तक में पतंजलि के प्रोडक्ट्स बिकते हैं।
इनमें गाय का देसी घी, दंत कांति मंजन, आयुर्वेदिक दवाएं, केशकांति शैम्पू और साबुन पतंजलि के सबसे ज्यादा बिकने वाले उत्पाद है। अब आपको बता दें कि योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि कंपनी से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। इस कंपनी के करोड़ों शेयरों को फ्रीज कर दिया गया है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंस (NSE) ने बाबा रामदेव की पतंजलि फूड्स कंपनी पर बड़ी कार्रवाई की है। बीएसई और एनएसई ने पतंजलि फूड्स के 29.258 करोड़ के शेयरों पर रोक लगा दी है। यह शेयर कंपनी के 80.82 फीसदी हिस्सोदारी के बराबर हैं। आपको बता दें कि 21 प्रवर्तक निकायों के शेयर को पर रोक लगाई गई है।
पतंजलि फूड्स लिमिटेड ने जानकारी दी कि बीएसई और एनएसई ने पतंजलि आयुर्वेद मिमिटेड, आचार्य बालकृष्ण, पतंजलि ग्रामोउद्योग न्यासृ, पतंजलि परिवहन समेत 21 प्रवर्तक इकायों के शेयरों को फ्रीज कर दिया है। आपको बता दें कि निश्चित समय में मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग के नियमों को पूरा न कर पाने के कारण यह कार्रवाई की गई है।
पिछले साल दिसंबर के अंत में कंपनी में 19.18 प्रतिशत पब्लिक शेयरहोल्डिंग थी। जोकि सेबी के नियमों के अनुसार 25 प्रतिशत पब्लिक शेयरहोल्डिंग किसी भी कंपनी के पास होनी चाहिए। कंपनी का मानना है कि बीएसई और एनएसई की कार्रवाई से कंपनी की आर्थिक स्वास्थ्य पर इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय (SEBI) के नियम के अनुसार किसी भी लिस्टेड कंपनी में मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग 25 प्रतिशत होनी चाहिए। लेकिन होल्डिंग कम होने पर इसे होल्डिंग कम होने की तारीख से लेकर तीन सालों में 25 फीसदी तक बढ़ाया जाना चाहिए।
हालांकि पतंजलि फूड्स कंपनी ने इसे बढ़ाने के लिए मार्च 2022 में एक एफपीओ लॉन्च किया था। जिसके बाद कंपनी ने 6.62 करोड़ के शेयर जारी किए थे। जानकारी के अनुसार 31 दिसंबर 2022 में पतंजलि के पास मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग अभी 19.18 फीसदी है।
पतंजलि फूड्स के मुताबिक रुचि सोया को एनसीएलटी के अधिग्रहण के बाद नियमों को मामने की कोशिश की गई। लेकिन जब 2019 में डील हुई थी, तब कंपनी में प्रवर्तकों की पार्टनरशिप 98.87 प्रतिशत की थी। शेयरहोल्डिंग के लिए कंपनी को 10-25 प्रतिशत करने के लिए 3 साल, 18 महीने का वक्त दिया गया था।
बाबा रामदेव की पतंजलि फूड्स कंपनी ने पब्लिक शेयरहोल्डिंग को 25 फीसदी बढ़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। निश्चित समय के तहत कंपनी सेबी के नियमों को पूरा करने में नाकाम रही। जिसके बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंस ने कंपनी के खिलाफ ये कार्रवाई की।
आपको बता दें कि पतंजलि आयुर्वेद के पास 39.4 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। कंपनी ने कहा कि “कोविड-19 और मार्केट में के हालत की वजह से निर्धारित सम पर सेबी के नियम को मानने में विफलता हुई”। पतंजलि फूड्स लिमिटेड ने कहा कि “बहुत जल्द सेबी नियमों को पूरा कर लिया जाएगा”।
पतंजलि फूड्स लिमिटेड को पहले रुचि सोया के नाम से जाना जाता था। एनसीएलटी ने दिसंबर 2017 में कंपनी के खिलाफ इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग की शुरू की थी। जिसके बाद ट्रिब्यूनल ने पतंजलि आयुर्वेद को जुलाई 2019 में रिजॉल्यूशन प्लान की इजाजत दी। आपको बता दें कि बुधवार को इस कंपनी का शेयर 960.90 रुपये पर बंद हुआ। First Updated : Thursday, 16 March 2023