केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने जीटीएल लिमिटेड (GTL Limited) के डायरेक्टरों और बैंकरों के खिलाफ 4760 करोड़ रुपये के घोटाले में केस दर्ज़ किया है। इन पर आरोप है की इन्होंने लोन के पैसों को डाइवर्ट करके बैंकों के कंसोर्टियम को 4760 करोड़ रुपये का चुना लगाया है। लगभग 24 बैंकों ने मिलकर जीटीएल को पैसा उधार दिया है जिसमें केनरा बैंक (Canara Bank), देना बैंक (Dena Bank) और आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) शामिल हैं। पूछताछ से पता चला कि जीटीएल सामग्री और सामान की आपूर्ति के बिना साल दर साल वेंडरों को अग्रिम दे रहा था।
सीबीआई ने कहा कि धोखाधड़ी को आसान बनाने के लिए, अपराधी कम्पनियों ने कथित तौर पर जीटीएल लिमिटेड (GTL Limited) के साथ मिलकर विभिन्न विक्रेता कंपनियां बनाईं। बैंकों में आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) का जीटीएल लिमिटेड पर 650 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) का 467 करोड़ रुपये और केनरा बैंक (Canara Bank) का 412 करोड़ रुपये का कर्ज है। कंपनी ने गलतबयानी करके कुछ व्यावसायिक गतिविधियों के लिए अल्पकालिक ऋण राशि प्राप्त की कि ऐसी सभी ऋण राशि का उपयोग उक्त उद्देश्य के लिए किया जाएगा। लेकिन संवितरण के तुरंत बाद, अधिकांश ऋण राशि का उपयोग उस उद्देश्य के लिए नहीं किया गया जिसके लिए इसे दिया गया था, सीबीआई ने कहा।
सीबीआई ने एजेंसी, अज्ञात निदेशकों, अधिकारीयों और वेंडर पर भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साज़िश, धोखाधड़ी के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज़ किया गया है। बता दें की, ग्लोबल ग्रुप के मनोज तिरोडकर द्वारा 1987 में शुरू किया गया, जीटीएल भारत और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में दूरसंचार ऑपरेटरों को दूरसंचार नेटवर्क परिनियोजन सेवाएं, संचालन और रखरखाव सेवाएं प्रदान करने के व्यवसाय में लगा हुआ है। First Updated : Friday, 27 January 2023