सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने आईसीआईसीआई बैंक-वोडाफोन लोन फ्रॉड के में ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने 1-1 लाख रुपए की नकद जमानत दी कर रिहा करने का आदेश दिया है। आपको बता दें कि चंदा कोचर और दीपक कोचर ने जमानत याचिका दायर की थी।इस केस में सीबीआई को झटका लगा है।माना जा रहा है कि सीबीआई इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिया आदेश
बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि दोनों की गिरफ्तारी कानून के अनुसार नहीं हुई थी। कोर्ट ने चंदा कोचर और दीपक कोचर की रिहाई के आदेश दे दिए हैं। बात दें कि चंदा और दीपक कोचर पिछले 15 दिनों से हिरासत में हैं।
कोर्ट के आदेश से CBI नाराज
सीबीआई अदालत के इस फैसले ने नाराज है। सीबीआई सुप्रीम कोर्ट का रूख कर सकती है। कोर्ट का कहना है कि दोनों की गिरफ्तारी CRPC की धारा 41ए का उल्लंघन करती है।
23 दिसंबर को हुई थी गिरफ्तारी
सीबीआई ने 23 दिसंबर 2022 को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और दीपक कोचर को वीडियोकॉन धोखाधड़ी केस में गिरफ्तार किया था। सीबाआई कोचर के खिलाफ आपराधिक साजिश और अपने पद के गलत इस्तेमाल मामले की जांच कर रही है।
क्या है केस
ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर पर आरोप है कि उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप का सपोर्ट करते हुए लोन जारी करने के नियमों का उल्लंघन किया है। आईसीआईसीआई बैंक की तरफ से वीडियोकॉन कंपनी को 3250 कोरड़ का लोन दिया गया था।
सीबीआई ने साल 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को दिया गया लोन की राशि में चंदा कोचर पर आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। आपको बता दें कि आरोपों के सामने आने के बाद अक्टूबर 2018 में चंदा कोचर ने ICICI बैंक के CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया था।
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