Cryptocurrency : ‘आज हमें इससे हो समस्या से निपटने की जरूरत है’- RBI गवर्नर
विश्व में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा फिर से शुरू हो गई है। हर तरफ इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है। 25 फरवरी को बेंगलुरु में जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक हुई।
विश्व में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा फिर से शुरू हो गई है। हर तरफ इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है। 25 फरवरी को बेंगलुरु में जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक हुई। इसमें देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गर्वनरों की दो दिवसीय बैठक हुई। इस बैठक में क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे पर चर्चा की गई। इस बैठक के समापन में भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने जी-20 देशों का ध्यान क्रिप्टोकरेंसी पर ध्यान केंद्रीय करते हुए कहा कि “आज के समय में क्रिप्टोकरेंसी या क्रिप्टो प्रॉपर्टी से जुड़े जोखिम हैं”।
“आज हमें इसके समस्या हो रही समस्या से निपटने की जरूरत है। इसके निपटने के लिए इंटरनेशनल फ्रेमवर्क की आवश्यकता है”। उन्होंने आगे कहा कि “क्रिप्टोकरेंसी के स्थिर प्रॉपर्टी के रूप में लाने के लिए सुरक्षा से लेकर स्थिरता तक के उपायों पर सोचने की आवश्यकता है"। आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा कि क्रिप्टो करेंसी के निपटारे के लिए इंटरनेशनल ढ़ाचा विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है।
आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी पर IMF और फाइनेंशियल स्टैबिलिटी बोर्ड काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि क्रिप्टो के मुद्दे को लेकर FSB और IMF के बीच एक सिंथेसिस पेपर होगा। जोकि भविष्य को ध्यान में रखकर चर्चा का आधार तैयार करेंगे। जी-20 की इस बैठक के समापन में आरबीआई गर्वनर ने कहा कि “क्रिप्टोकरेंसी को लेकर विचार किया जा रहा है और आगे इस विषय पर चर्चाओं को लेकर जो स्तितियां होंगी, उसके हिसाब से निर्णय लिया जाएगा”।
उन्होंने आगे कहा कि “किसी भी मुद्दे पर कोई भी देश सभी पहलू की जांच करके ही फैसला करते हैं”। आपको बता दें कि जी-20 की बैठक में इंटरनेशनल मोनेटरी फंड की मैनजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने भारत का सपोर्ट किया है। उन्होंने कहा कि “क्रिप्टोकरेंसी के जोखिम और इसे गैरकानूनी को लेकर चर्चा होनी चाहिए”।
क्या है क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल संपत्ति है। इसके माध्यम से डिजिटल लेनदेन किया जाता है। इसे सरकार म़निटर नहीं करती है। बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी कोई बैंक या संस्था नहीं है। यह प्राइवेट संपत्ति है। इसकी शुरुआत बिटकॉइन से हुई थी। विश्व में एक हजार से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी मौजूद है।