Vodafone-Idea कंपनी में सरकार की होगी 33 परसेंट हिस्सेदारी
वोडाफोन-आडिया लिमिटेड कंपनी को चलाने और जरूरी निवेश के लिए आदित्य बिड़ला ग्रुप ने दावा प्राप्त करने के बाद सरकार ये मंजूरी दी है।
16,133 करोड़ के कर्ज में डूबी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आडिया लिमिटेड को में कर्ज चुकाने के लिए इक्विटी में बदलने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। शुक्रवार 3 फरवरी को केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि वोडाफोन-आडिया लिमिटेड कंपनी को चलाने और जरूरी निवेश के लिए आदित्य बिड़ला ग्रुप ने दावा प्राप्त करने के बाद सरकार ये मंजूरी दी है। इसके बाद केंद्र सरकार की टेलीकॉम कंपनी में तीसरी बड़ी हिस्सेदारी बन जाएगी।
मंत्री ने कहा कि “हम भारतीय बाजार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए सरकारी कंपनी BSNL के अलावा तीन कंपनियों मौजूदगी चाहते हैं”। कंपनी की ओर से एक्सचेंज फाइलिंग के कहा कि वोडाफोन-आडिया 16,133 करोड़ रुपये कर्ज को इक्विटी में बदलेगी। जिसमें सरकार दिए जाने वाले शेयर की कीमत 10 रुपये प्रति यूनिट होगी। आपको बता दें कि वोडाफोन-आइडिया ब्रिटेन के वोडाफोन ग्रुप और भारतीय कंपनी आइडिया सेल्युलर की Joint venture है। आपको बता दें कि वोडाफोन-आइडिया कंपनी में केंद्र सरकार को 33.14 प्रतिशत की हिस्सेदारी मिलने की संभावना है।
ट्राई के आंकड़ों के अनुसार कंपनी के पास 24.3 करोड़ मोबाइल के यूजर्स हैं। जिनकी बाजार में 21.33 फीसदी की हिस्सेदारी है। आपको बता दें कि VIL एकमात्र ऐसी कंपनी है जिसने अब तक 5जी सेवाओं के एक्विपमेंट को खरीदने के लिए ऑर्डर नहीं दिया है। पिछले महीने इंडस टावर्स ने VIL की खराब बैलेंस शीट की वजह से 2,298.1 करोड़ रुपये के संदिग्ध कर्ज का प्रावधान किया था। 3 फरवरी को वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के बीएसई में शेयर 6.89 रुपये पर बंद हुए। जो पिछले दिन के मुकाबले 1.03 प्रतिशत ज्यादा है।
बताते चलें कि वोडाफोन-आइडिया की रेगुलेटरी फाइलिंग बाजार बंद होने के बाद आई है। साल 2016 में रिलांयस जियो मार्केट में उतरा इसके बाद बहुत सी टेलीकॉम कंपनिया बाहर हो गईं। इसमें एयरसेल, रिलांयस कम्यूनिकेशन और टाटा डोकोमो शामिल हैं। इसके बादग वोडाफोन-आइडिया कंपनी के ग्राहकों की संख्या भी कम आई है।