कैसे किया जाता है ब्लैक मनी को व्हाइट | Money laundering Law के तहत किस तरह की सजा का प्रावधान है

भारत में मनी लॉन्ड्रिंग शब्द ने कोहराम मचाया हुआ है. अक्सर मीडिया में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें किसी कारोबारी, नौकरशाह, नेता या फिर किसी व्यक्ति के घर या उसके किसी ठिकाने से बेहिसाब दौलत बरामद की गई हो जबकि उसकी इनकम बेहद कम होती है. हमारे देश में मनी लॉन्ड्रिंग को हवाला के लेनदेन के रूप में जाना जाता है.

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भारत में मनी लॉन्ड्रिंग' शब्द ने कोहराम मचाया हुआ है. अक्सर मीडिया में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें किसी कारोबारी, नौकरशाह, नेता या फिर किसी व्यक्ति के घर या उसके किसी ठिकाने से बेहिसाब दौलत बरामद की गई हो जबकि उसकी इनकम बेहद कम होती है. हमारे देश में "मनी लॉन्ड्रिंग" को हवाला के लेनदेन के रूप में जाना जाता है. भारत में यह सबसे ज्यादा लोकप्रिय 1990 के दशक के दौरान हुआ था जब इसमें कई नेताओं के नाम उजागर हुए थे. भारत में ही कई राज्यों में नेता, मंत्री, नौकरशाह, सरकारी कर्मचारी समेत कई लोग इसी मनी लॉन्ड्रिंग केस के चलते जेलों में बंद हैं या फिर कानूनी प्रक्रियाओं का सामना कर रहे हैं.

भारत ही नहीं पूरी दुनिया में देश के नागरिकों को अपनी आय का कुछ हिस्सा बतौर टैक्स सरकार को देना होता है. भारत में भी हर व्यक्ति को अपनी आमदनी के हिसाब से हर साल सरकार को अलग-अलग स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना पड़ता है. लेकिन अक्सर कई लोग अपनी आय, उसका जरिया छिपाने, और टैक्स बचाने आदि के लिए गलत रास्तों का इस्तेमाल करते हैं. और गैर कानूनी प्रक्रिया से टैक्स बचाने, काले धन को छिपाने, आय का स्रोत नहीं बताने और ब्लैक मनी को सफेद करते हैं. जिसकी जाँच करने वाली एजेंसियां भी धन के मुख्य सोर्स का पता नहीं लगा पातीं है.

दुनियाभर में कई गिरोह मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त हैं. गैर-कानूनी तरीके से कमाए गया पैसा कैश में होता है. फिर इस कैश को मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त गिरोह फर्जी कंपनियां बनाकर उनके जरिए उन देशों में भेजते हैं जहां टैक्स से जुड़े नियम बेहद आसान होते हैं. इसके बाद इन्हीं फर्जी कंपनियों के जरिए वहीं पैसा फिर से भारत में निवेश के तौर वापिस लाया जाता है.

जांच एजेंसियां की रडार में आने से बचने के लिए मुख्य तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग का प्रयोग किया जाता है. लेकिन अब इसका रूप और भी खतरनाक हो गया है क्योंकि अब मनी लॉन्ड्रिंग का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भी किया जाने लगा है. इसी के जरिए अब आतंकी संगठनों को पैसा उपलब्ध कराया जाता है. 

इस समय देश में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर शिवसेना सांसद संजय राउत को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं पार्थ चटर्जी और करीबी अर्पिता मुखर्जी भी ईडी की रडार में. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी लंबी पूछताछ की गई. इसके अलावा दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद हैं. 

मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत दोषी पाए जाने पर सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान है. भारतीय संसद ने वित्तीय अपराधों को रोकने और वित्तीय अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट बनाया है. वित्तीय धोकाधड़ी में दोषी पाए जाने पर अपराधी को तीन से सात साल तक की कठोर सजा का प्रावधान है. इसके अलावा आरोपी पर जुर्माना लगाया जा सकता है और उसकी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है. First Updated : Monday, 01 August 2022