पिछले काफी समय से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए सरकारी कर्मचारी केंद्र सरकार को बोलते आ रहे है लेकिन सरकार का कोई मूड नही है पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का। जहां एक तरफ कुछ लोग सरकार की नई पेंशन योजना का समर्थन कर रहे है तो वहीं कुछ लोग लगातार नई पेंशन योजना का विरोध करके पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की बात करते आ रहे है।
इसको लेकर सोशल मीडिया पर अब तरह-तरह के मैसेज वायरल हो रहे जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि सरकार नई पेंशन योजना को खत्म करके पुरानी पेंशन योजना को लागू करने जा रही है इस मैसेज के पीछे कितनी सच्चाई है यह आपकों जानना चाहिए। इन वायरल हो रहे मैसेज का पीबीआई ने फैक्ट चेक करके सच्चाई का पता लगाया।
इसको लेकर पीबीआई फैक्ट चेक ने ट्वीट करके बताया कि, "कई पोस्ट्स में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार जल्द ही नई पेंशन योजना को रद्द कर सकती है और इसकी जगह पुरानी पेंशन स्कीम फिर से लागू की जा सकती है। इसपर पीआईबी ने लिखा है कि यह दावा पूरी तरह से झूठा है। मालूम हो कि केंद्र सरकार की ओर से पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।"
बता दे, इसको लेकर सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने पर अभी सरकार कोई विचार नहीं कर रही है। मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री भगवत कराड ने लोकसभा में इसका जवाब देते हुए कि भविष्य में सरकार पुरानी पेंशन योजना को लागू करेगी या नहीं कहा कि, "सरकार के पास पुरानी पेंशन योजना शुरू करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारियों को निश्चित पेंशन मिलती है।"
उन्होंने कहा कि, "पेंशन की राशि कर्मचारी के अंतिम वेतन की कुल राशि के 50 प्रतिशत के बराबर होती है। 2004 से एक नई पेंशन योजना भी लागू की गई है। इस नई पेंशन योजना में कर्मचारियों को उनके योगदान के अनुसार पेंशन मिलती है।" बता दे फिलहाल तीन राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड में पुरानी पेंशन योजना लागू है।
ये खबर भी पढ़ें..............
पुरानी पेंशन योजना ने बढ़ाई मोदी सरकार की टेंशन, बन रहा बड़ा मुद्दा First Updated : Wednesday, 14 December 2022