नहीं लागू होगी पुरानी पेंशन योजना, जानिए सरकार ने सदन में क्या कहा?
देश के सरकारी कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम के तहत पेंशन मिल रही है लेकिन पिछले कई सालों से सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग उठाते नजर आ रहे है। जिसको लेकर आज केंद्र सरकार की तरफ से सदन में जवाब दिया गया है।
देश के सरकारी कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम के तहत पेंशन मिल रही है लेकिन पिछले कई सालों से सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग उठाते नजर आ रहे है। बता दे, फिलहाल के समय में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड में ही पुरानी पेंशन स्कीम लागू है बाकि सभी राज्यों में नई पेंशन स्कीम के तहत पेंशन मिल रही है। जिसके बाद उम्मीद लगाई जा रही थी कि संसद में इसको लेकर कोई न कोई हल मोदी सरकार निकालेगी। जिसका अब जवाब मिल गया है।
मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री भगवत कराड ने लोकसभा में इसका जवाब देते हुए कि भविष्य में सरकार पुरानी पेंशन योजना को लागू करेगी या नहीं कहा कि, "सरकार के पास पुरानी पेंशन योजना शुरू करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारियों को निश्चित पेंशन मिलती है। पेंशन की राशि कर्मचारी के अंतिम वेतन की कुल राशि के 50 प्रतिशत के बराबर होती है। 2004 से एक नई पेंशन योजना भी लागू की गई है। इस नई पेंशन योजना में कर्मचारियों को उनके योगदान के अनुसार पेंशन मिलती है।"
जिन राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना को लागू कर रखा है उन्होंने पहले ही केंद्र सरकार और पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण को इस बारे लिखित में जानकारी दे रखी है। 18 नवंबर को पंजाब सरकार ने राज्य के कर्मचारियों को नोटिफिकेशन जारी करके बताया था कि राज्य सरकार अब उनको NPS से बदलकर OPS में तब्दील कर रही है। वहीं राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की राज्य सरकारों ने केंद्र और पीएफआरडीए को एक प्रस्ताव भेजकर एनपीएस के अनुसार कर्मचारियों का योगदान राज्य सरकार को वापस देने की मांग रखी।
जिसपर जवाब देते हुए पीएफआरडीए की तरफ से कहा गया कि, "पीएफआरडीए अधिनियम 2013 के अनुसार ऐसा कोई प्रवाधान नहीं है कि एनपीएस के लिए केंद्र सरकार द्वारा जमा की गई राशि को राज्य सरकार को वापिस दिया जाये।"
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