RBI: रेपो रेट बढ़ने से लोन हुए महंगे, जानें कैसे काम करता है रेपो रेट

भारतीय रिज़र्व बैंक ने एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक के बाद रेपो रेट 50 पॉइंट्स बढ़ाने का फैसला लिया है। आरबीआई गवर्नर ने इस बात की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद रेपो रेट 4.9% से बढ़कर 5.4% हो गया है। इसके पहले मई के महीने में भी रेपो रेट 50 पॉइंट्स बढ़ाया गया था।

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भारतीय रिज़र्व बैंक ने एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक के बाद रेपो रेट 50 पॉइंट्स बढ़ाने का फैसला लिया है। आरबीआई गवर्नर ने इस बात की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद रेपो रेट 4.9% से बढ़कर 5.4% हो गया है। इसके पहले मई के महीने में भी रेपो रेट 50 पॉइंट्स बढ़ाया गया था। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था इस वक़्त वैश्विक आर्थिक स्थितियों से प्रभावित हो रही है। इसके अलावा हम उच्च मुद्रास्फीति की समस्या का भी सामना कर रहे हैं।

महंगाई दर काबू में नहीं आ रही

देश में जून महीने की महंगाई दर 7% के ऊपर रही। लगातार छठी बार महंगाई दर आरबीआई द्वारा निर्धारित 6 फ़ीसदी से ऊपर रही है। मई के महीने में भी महंगाई दर 7.04% तक जा पहुंची थी। जिसके बाद रेपो रेट में 50 पॉइंट्स की बढ़ोत्तरी कर इसे 4.9% किया गया था।

आरबीआई क्यों बढ़ाता है रेपो रेट?

आरबीआई द्वारा बाज़ार में मुद्रा के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए रेपो रेट बढ़ाया जाता है। जब भी महंगाई की दर बढ़ती है तो उसे काबू करने के लिए रेपो रेट को बढ़ाया जाता है। रेपो रेट बढ़ने का मतलब अब जो भी बैंक आरबीआई से पैसे लोन पर लेगा उसे अधिक ब्याज चुकाना होगा।

कैसे काम करता है रेपो रेट?

ब्याज दर बढ़ने से अन्य बैंक आरबीआई से कम पैसे उधार लेंगे, जिससे बाज़ार में मुद्रा का प्रवाह काबू में आएगा। बैंकों को जब अधिक ब्याज में पैसा मिलेगा तो वे ग्राहकों को भी महंगे लोन देंगे। इससे लोगों के लोन की मासिक किश्त बढ़ जाएगी। जिससे लोग ख़ुद-ब-ख़ुद कम लोन लेंगे और खर्च भी कम करेंगे। इससे बाज़ार में मांग घटेगी और महंगाई दर नीचे आएगी। First Updated : Friday, 05 August 2022