केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 का आम बजट पेश करने वाली है। हर बार की तरफ इस बार भी आम आदमी को बजट से काफी सारी उम्मीदें है। इसके अलावा रियल्टी उद्योग भी इस बार के बजट से कई सारी आस लगाए बैठा है। दरअसल आवास क्षेत्र में मांग को बनाए रखने के लिए रियल्टी उद्योग आगामी बजट में कर और नीति संबंधी छूट चाहता है।
ब्याज दरों में वृद्धि के साथ, आवास की मांग को समर्थन देने और बनाए रखने के लिए बहुत कुछ बजट 2023 पर निर्भर करता है। सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया लिमिटेड) के संस्थापक और अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल का कहना है कि, "नीतियों में ढील दी जानी चाहिए, या नीति के दायरे को बढ़ा देना चाहिए ताकि अटकी हुई परियोजनाओं को पूरा किया जा सके। क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) के तहत सब्सिडी एक बड़ी बचत और प्रेरणा रही है और इसे सभी के लिए आवास हासिल करने के लिए जारी रखा जाना चाहिए।"
रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा ने कहा कि "वित्त मंत्रालय को रियल्टर्स के दिवालिया कर्ज और प्रोजेक्ट डिलीवरी में देरी का जायजा लेना चाहिए। बजट में बैंकों द्वारा लगाए गए होम लोन की ब्याज दरों पर छूट देनी चाहिए। पिछली तिमाहियों में अब तक की उच्च मुद्रास्फीति की दर से ट्रिगर किया गया है। यह डेवलपर्स को छूट प्रदान करेगा और साथ ही साथ चल रही परियोजनाओं पर निर्माण गतिविधि को गति देगा।"
बता दे, रियल स्टेट सेक्टर का भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने में काफी योगदान है। अगर सरकार इस बार बजट में रियल स्टेट सेक्टर को कोई रियायत देती है तो रोजगार भी काफी बढ़ेंगा। क्योंकि रियल स्टेट सेक्टर से छोड़े-बड़े लगभग 200 उद्योग जुड़े है। ऐसे में अगर रियल स्टेट सेक्टर को आम बजट में कोई छूट मिलती है तो इससे रियस स्टेट सेक्टर ही नहीं बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था को भी तेजी मिलेगी।
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विदेशी निवेशकों का डगमगा रहा विश्वास, ऐसे में कैसे चलेगा भारतीय शेयर बजार First Updated : Tuesday, 17 January 2023