अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों में भाग लेने के लिए भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन दिनों अमेरिका में मौजूद है। इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स एंड रोल इन द वर्ल्ड इकोनॉमी इवेंट में वित्त मंत्री ने अर्थशास्त्री ईश्वर प्रसाद के साथ बातचीत करते हुए कहा कि, G20 में वैश्विक भलाई की दिशा में काम करने की काफी संभावनाएं है। हमे मौजूदा बहुपक्षीय संस्थानों को मजबूत करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि, इस तरह के कई मुद्दे G20 के मंच पर सामने आएंगे। द ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूशन द्वारा अपने स्टेट ऑफ द ग्लोबल इकोनॉमी एंड ग्लोबल गवर्नेंस इवेंट के हिस्से के रूप में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई अहम मुद्दों पर बात की और भारत की तरफ अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि, कोरोना महामारी के दौरान भारत सरकार ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए पूंजी निवेश में काफी वृद्धि की और संपत्ति बनाने और रोजगार प्रदान करने के लिए 111 लाख करोड़ की राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) शुरू की।
सीतारमण ने आगे कहा कि, वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए बहुपक्षीय संस्थानों को और ज्यादा मजबूत होने की जरूरत है। इन संस्थानों को वैश्विक अच्छे के लिए उभरते बाजारों की आवाज बनना चाहिए। बताते चले, भारत 1 दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर 2023 तक G20 की अध्यक्षता करेगा। आपको बता दे, G20 के सदस्यों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, यूनाइटेड शामिल हैं।
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भारत की आर्थिक विकास दर को IMF ने घटाकर किया 6.8 फीसदी First Updated : Wednesday, 12 October 2022