5G Spectrum Auction: देश में पांचवीं पीढ़ी के स्पेक्ट्रम 5G की नीलामी के लिए बृहस्पतिवार तीसरे दिन भी 10वें दौर की बोलियां लगाई जा रही हैं। इससे पहले 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी के दूसरे दिन तक कुल 1.49 लाख करोड़ रुपये की बोलियां मिली थीं। इस बैंड के लिए 2016 और 2021 में हुई नीलामी में कोई खरीददार नहीं आया था। दरअसल 700 मेगाहर्ट्ज बैंड महंगा और अहम क्योंकि, यह दूरदराज के क्षेत्रों में ‘कवरेज’ के लिए महत्वपूर्ण है।
सरकार को पहले दिन चार दौर की बोली में 1.45 लाख करोड़ रुपये, जबकि दूसरे दिन पांच दौर की बोलियों में सिर्फ 0.04 लाख करोड़ रुपये की बोली लगी। इस तरह सरकार को दो दिन में कुल नौ दौर की नीलामी में 1.49 लाख करोड़ रुपये की बोलियां मिली हैं। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पेक्ट्रम की नीलामी में बोली के लिए गए सभी बैंड के लिए अच्छी प्रतिस्पर्धा को देखते हुए इसे तीसरे दिन भी जारी रहने की जानकारी दी थी।
5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी प्रक्रिया में निजी क्षेत्र की चार प्रमुख दूरसंचार कंपनियां रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और अडाणी एंटरप्राइजेज हिस्सा ले रही हैं। देश में 5जी सर्विस आने से इंटरनेट की गति 4जी के मुकाबले करीब 10 गुना ज्यादा हो जाएगी। 5जी स्पेक्ट्रम की वैधता 20 साल के लिए होगी। 5जी स्पेक्ट्रम के लिए चार प्रमुख दूरसंचार मोबाइल कंपनियों ने 21,800 करोड़ रुपये बतौर बयाना जमा कराया है। रिलायंस जियो ने 14 हजार करोड़ रुपये एयरटेल ने 5,500 करोड़ रुपये, वीआई ने 2,200 करोड़ रुपये और अडानी डेटा नेटवर्क्स ने 100 करोड़ रुपये जमा कराये हैं।
इन कंपनियों ने 5जी स्पेक्ट्रम के लिए आक्रामक तरीके से बोली लगाई है। सरकार ने 5जी स्पेक्ट्रम को 14 अगस्त तक आवंटित किये जाने का लक्ष्य रखा है, जबकि इसकी सर्विस इस साल के अंत तक देश के कई शहरों में शुरू होने की उम्मीद है। First Updated : Thursday, 28 July 2022