भारत में सार्वजनिक व निजी परिवहन प्रणाली में एक नया बदलाव शुरू हो गया है। यह बदलाव वाहनों के इलेक्ट्रिफिकेशन का दौर लेकर आया है। ऊर्जा के इस नए स्रोत को व्यवहारिक बनाने में प्रशिक्षित कार्य बल और उन्नत टेक्नोलॉजी से लैस इंजीनियर्स की बड़ी भूमिका है। इलेक्ट्रिक वाहनों की इस नई प्रौद्योगिकी की मांग ने भारत और पूरी दुनिया में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में करियर के नए द्वार भी खोले हैं। भविष्य की इन्हीं मांगों को देखते हुए अब देश भर के आईआईटी व अन्य शिक्षण संस्थान इलेक्ट्रिक वाहन से जुड़े एडवांस पाठ्यक्रम विकसित कर रहे हैं।
इन जरूरतों को पूरा करने के लिए आईआईटी दिल्ली, ईवी प्रौद्योगिकी में एडवांस प्रोग्राम लेकर आया है। आईआईटी-दिल्ली के मुताबिक, इसके अंतर्गत छात्र आईआईटी-दिल्ली में ई-मोबिलिटी में उद्योग-प्रासंगिक कौशल-सेट में अपस्किलिंग करके ईवी क्रांति का हिस्सा बन सकते हैं। आईआईटी दिल्ली का यह एडवांस कार्यक्रम केवल 6 महीने की अवधि में पूरा किया जा सकता है। आईआईटी में यह बैच 7 अगस्त से शुरू होगा।
आईआईटी-दिल्ली के एडवांस कार्यक्रम में इलेक्ट्रिक वाहन की मूल योजना, वाहन की गतिशीलता और ड्राइव चक्र की अवधारणा जैसे विषय छात्रों को सिखाए जाएंगे। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहन और इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी ट्रेंड की रेंज, ईवी के लिए चार्जर उसके स्तर स्तर और मानक, चार्जर के प्रकार और भारतीय मानक बैटरी प्रबंधन प्रणाली के विषय में छात्रों को जानकारी दी जाएगी।
आईआईटी-दिल्ली के इस एडवांस प्रोग्राम में ई-वाहन चार्जिग के विभिन्न पहलू, ई-वाहन गतिशीलता में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के चार्जर के बारे में जाना जा सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां छात्र उद्योग प्रासंगिक विषय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में उद्योग 4.0 की अवधारणाएं सीखेंगे। First Updated : Sunday, 31 July 2022