थिएटर में स्नैक्स के रेट बढ़ाना थिएटर मालिकों का अधिकार-सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुवाई के दौरान कहा है कि सिनेमाघरों में क्या-क्या नियम हो इसे बनाने का अधिकार हॉल के प्रबंधन को है।
सिनेमा हमारे जीवन में मनोरंजन का सबसे बड़ा स्त्रोत है। फिल्म देखना किसे नहीं पसंद होगा। हर कोई अपने मूड को रिलेक्स करने के लिए, मनोरंजन के लिए सिनेमाघरों में जाकर फिल्में देखते हैं। अक्सर लोग वीकेंड पर मूवी देखने जाते हैं। मूवी देखते टाइम साथ में लोग कुछ खाना जरूर पसंद करते हैं और यही वजह है कि थिएटर ने जाने से पहले लोग कुछ न कुछ खाने का सामान अपने साथ लेकर जाते हैं लेकिन अब आप ऐसा नहीं कर पाएंगे।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुवाई के दौरान कहा है कि सिनेमाघरों में क्या-क्या नियम हो इसे बनाने का अधिकार हॉल के प्रबंधन को है। आपके बता दें कि चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने यह बात एक केस की सुनवाई के दौरान कही।
जम्मू-कश्मीर HC के फैसले को किया गया रदद्
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने सिनेमाघरों में बाहर से खाने-पीने के सामानों को ले जाने की इजाजत दी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को रद् कर कहा है कि थिएटर हॉल के प्राइवेट संपत्ति है। इसलिए हॉल प्रबंधन को पूरा हक है कि वो अपने थिएटर के अंदर बाहर के खाने की चीजों के न लाने दे।
लेकिन ये ग्राहकों पर निर्भर करता है कि वो किस सिनेमाघर में जाकर फिल्म देखे। आपको बता दें कि शीर्ष अदालत ने कहा है कि सभी दर्शकों के लिए मुफ्त पीने का स्वच्छ जल होना चाहिए।
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