जापान को दुनिया के सबसे बुजुर्ग आबादी वाले देश माना जाता है जहां का एक 32 वर्षीय शख्स शुनसाकु सगामी अब बिलियनेयर बन गया है। शुनसाकु ने यह कारनामा आर्टिफिशियली इंटेलिजेंस की मदद से किया है।
जापान के शुनसाक ने मशीन और तकनीक का उपयोग करते हुए AI और डाटाबेस का इस्तेमाल कर छोटे और मध्यम आकार की कंपनियों से रिटायर होने वाले लोगों को ब्रोकर सौदे के तहत अपने रिसर्च फर्म के लिए उन्हें काम पर लगाया।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल जून में शुनसाकु सगामी की एमएंडएम रिसर्च इंस्टीट्यूट होल्डिंग टोक्यो में लिस्ट होने से सात गुणा बढ़ गई है, जिसके बाद सगामी की संपत्ति लगभग 950 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई है।
जापान मे दुनिया के सबसे ज्यादा सिनियर सिटिज़न है इसलिए वहां के उद्योगपतियों को अपना उत्तराधिकारी नहीं मिलता है जिसके चलते बहुत से कारोबार को मजबूरी में बंद करना पड़ता है। यह समस्या शुनसाकु सगामी के साथ भी हुआ जब उनके पिता को रियल एस्टेटका बिजनेस को चलाने के लिए उत्तराधिकारी ने मिलने के कारण बिजनेस को बंद करना पड़ा था।
M&A रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार जापान में 620,000 लाभदायक उद्यमों को बिजनेस उत्तराधिकारियों न होने के कारण बंद होने का खतरा है वही सरकार का अनुमान है कि 2005 तक 2.5 लाख छोटी और मध्यम आकार की फर्में होंगी जिसके मालिक 70 साल से अधिक के उम्र के है। हालांकि इनमें से आधे लोगों के पास आगे की कोई प्लानिंग नहीं है, जिसके कारण कंपनियां बंद हो सकती है। इन कंपनियों की लागत सकल घरेलू उत्पाद में 22 ट्रिलियन येन यानीकि 222 अरब डॉलर है।
5 साल में M&A रिसर्च इंस्टीट्यूट में 160 से ज्यादा कर्मचारी हो गया है जिसमें 115 सलाहकार कर्मचारी शामिल है। वही कंपनी की अर्निंग की बात करें तो जब ट्रांजेक्शन बंद हो जाता है तो कंपनी 500 मिलियन येन या उससे कम के सौदे के लिए 5 फीसदी तक चार्ज करती है। वही आंकड़ों से देखा जाए तो नवीनतम तिमाही में उनका औसत प्रति बिक्री 60 मिलियन है। First Updated : Wednesday, 17 May 2023