भारत के 9 में से 8 CEO आश्वस्त, बड़े बदलाव और भर्ती की योजना के साथ भविष्य को लेकर पूरी उम्मीद!

भारत के सीईओ देश की आर्थिक स्थिति को लेकर काफी आश्वस्त हैं! एक हालिया सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि 10 में से 9 भारतीय सीईओ अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए तैयार हैं और कर्मचारियों की भर्ती बढ़ाने का प्लान बना रहे हैं। इसके अलावा, भारत का नाम दुनियाभर के टॉप निवेश क्षेत्रों में शामिल है। तो क्या है भारत के इस आर्थिक आत्मविश्वास की वजह? जानिए पूरी खबर में!

Aprajita
Edited By: Aprajita

Indian CEOs Optimistic: हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि भारतीय सीईओ देश की आर्थिक स्थिति को लेकर बेहद आश्वस्त हैं। पीडब्ल्यूसी द्वारा जारी किए गए वार्षिक सीईओ सर्वेक्षण से पता चला है कि भारतीय सीईओ आने वाले समय में अपने कारोबार को विस्तार देने के लिए तैयार हैं और वे कर्मचारियों की भर्ती बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। यह सर्वेक्षण सोमवार को दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में जारी किया गया।

भारतीय सीईओ का आत्मविश्वास और आर्थिक वृद्धि की उम्मीद

सर्वेक्षण में शामिल भारतीय सीईओ में से 90% से अधिक ने कहा कि वे भारतीय अर्थव्यवस्था के भविष्य को लेकर आश्वस्त हैं और आर्थिक वृद्धि की संभावना देखते हैं। उनका मानना है कि आने वाले समय में उन्हें अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के लिए ज्यादा मौके मिलेंगे। 10 में से 9 सीईओ की उम्मीद है कि वे आने वाले 12 महीनों में अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाएंगे और एआई जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए अपने कारोबार को और विकसित करेंगे।

भारत दुनिया के प्रमुख निवेश क्षेत्रों में

भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और चीन जैसे देशों के साथ मिलकर वैश्विक सीईओ के निवेश योजनाओं में शीर्ष पांच देशों में शामिल रहा है। सर्वेक्षण में बताया गया कि भारतीय सीईओ ने अपने व्यवसायों में लाभप्रदता बढ़ाने के लिए एआई और जलवायु-अनुकूल निवेश की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं। लगभग 51% भारतीय सीईओ का मानना है कि जेनएआई (Generative AI) का उनके व्यवसाय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

नवाचार और उत्पाद विकास पर जोर

सर्वेक्षण में यह भी सामने आया कि 40% से अधिक भारतीय सीईओ ने पिछले पांच वर्षों में अपने उत्पादों और सेवाओं में नवाचार किया है, और इसका असर उनके व्यापार पर सकारात्मक रूप से पड़ा है। साथ ही, एक तिहाई भारतीय सीईओ ने कहा कि जलवायु-अनुकूल निवेश से उनकी कंपनियों के राजस्व में वृद्धि हुई है। पीडब्ल्यूसी के अनुसार, भारत में मजबूत आर्थिक वृद्धि, बेहतर कारोबारी माहौल, ढांचागत विकास और युवा कुशल कार्यबल के कारण भारत निवेशकों के लिए आकर्षक बन रहा है।

चुनौतियाँ और समक्ष आने वाली समस्याएं

हालांकि भारतीय सीईओ ने भारत की आर्थिक वृद्धि के प्रति अपनी आशावादिता जाहिर की है, लेकिन उन्होंने आगामी चुनौतियों की पहचान भी की है। सर्वेक्षण में यह सामने आया कि तकनीकी व्यवधान (technology disruption) भारतीय सीईओ के लिए सबसे बड़ी चुनौती है, इसके बाद वृहद आर्थिक अस्थिरता, मुद्रास्फीति और कुशल श्रमिकों की कमी है। ये सभी कारक विकास को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन भारतीय सीईओ इन समस्याओं का समाधान निकालने के लिए तैयार हैं।

भविष्य की राह

पीडब्ल्यूसी के भारत के अध्यक्ष संजीव कृष्ण के अनुसार, भारतीय सीईओ के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वे अपने व्यवसाय के लिए भविष्य के पारिस्थितिकी तंत्र को सही से समझें और उसी हिसाब से अपनी योजनाओं को आकार दें। इसमें जलवायु परिवर्तन और एआई जैसे मेगाट्रेंड के प्रभाव, बदलती ग्राहक आवश्यकताएँ और उद्योग में होने वाले बदलावों को ध्यान में रखना होगा।

सर्वेक्षण के परिणामों से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय सीईओ अपनी कंपनियों को भविष्य में बेहतर बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, और वे आर्थिक बदलावों का सामना करते हुए अपनी कंपनियों को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने की योजना बना रहे हैं।

भारतीय सीईओ को अपने देश की आर्थिक भविष्यवाणी में विश्वास है। वे अपनी कंपनियों के विकास और सफलता के लिए उत्साहित हैं और इसके लिए कर्मचारियों की भर्ती और नवाचार को प्रमुख रूप से बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।

calender
22 January 2025, 01:52 AM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो