देश में जीएसटी चोरी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैँ। अकसर हमें जीएसटी चोरी से जुड़ी खबरें सुनने, देखने को मिल जाती है। केंद्र सरकार इस मामले पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। हाल ही में एक जानकारी सामने आई कि वित्त वर्ष 2022-23 में जीएसटी चोरी की के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है। जोकि अब डबल होकर 1.01 लाख करोड़ हो गए है।
गौरतलब इस दौरान सिर्फ कर चोरी करने वाले बिजनेसमैन से मात्र 21 हजार करोड़ रुपये की वसूली की गई है। आपको बता दें कि एक कर अधिकारी ने इसको लेकर जानकारी दी है। मिली जानकारी के अनुसार साल 2021-22 में 54,000 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता चला है। जिसमें से सिर्फ 21,000 करोड़ रुपये की ही वसूली की गई थी।
जीएसटी चोरी करने वालों पर एक्शन ले रही है। टैक्स भुगतान को बढ़ाने के लिए और धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए डेटा विश्लेषण व मानवीय खुफिया सूचनाओं का उपयोग किया जा रहा है। अधिकारी ने कहा, अब जबकि जीएसटी प्रणाली स्थिर हो गई है, हम इसे और सुव्यवस्थित करने का प्रयास कर रहे हैं।
अधिकारी के अनुसार पिछले वित्त वर्ष में टैक्सी चोरी के लगभग 14 हजार केस दर्ज हुए हैं। जोकि इससे एक साल पहले 12,574 मामले दर्ज किए गए थे।
टैक्स न भरने के लिए लोग कई तरह के काम करते हैं व फर्जी रसीदें जमा करते हैं जिससे उन्हें टैक्स न भरना पड़े। टैक्स का भुगतान करने से बचने के लिए कारोबारी कर-योग्य एवं सेवाओं के मूल्य को कम करके दिखाते हैं। साथ ही इनपुट टैक्स क्रेटिड लेने में भी धोखाधड़ी करते हैं।
पिछले महीने वित्त मंत्रालय ने लोकसभा में जवाब देते हुए जीएसटी टैक्स चोरी को लेकर बड़ी जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि जुलाई 2017 व फरवरी 2023 के बीच देश में कुल जीएसटी चोरी 3.08 लाख करोड़ रुपये की हुई है।
जिसमें से सिर्फ 1.03 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की गई है। बता दें कि जीएसटी अधिकारियों ने फरवरी 2023 तक पिछले 5.5 साल में टैक्सी चोरी के आरोप में 1402 लोगों को अरेस्ट किया है। First Updated : Sunday, 23 April 2023