अडानी ग्रुप ने आंध्रपरदेश में देश का पहला डेटा सेंटर और टेक्नोलॉजी पार्क बनाने का किया ऐलान
Adani Group Data Center & Technology Park: अडानी समूह ने एक बड़ा ऐलान किया है। दरअसल, अडानी ग्रुप ने आंध्र प्रदेशमें डेटा सेंटर, टेक्नोलॉजी और बिजनेस पार्क खोलने का ऐलान किया है। यह पार्क स्किल डेवलपमेंट सेंटर के रूप में भी काम करेगा।
Indian first Integrated Data Center & TechnologyBusiness Park: भारत का पहला इंटीग्रेटेड डाटा सेंटर और टेक्नोलॉजी पार्क बनने जा रहा है। यह अडानी समूह का अगला प्रोजेक्ट है जो आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में बनने जा रहा है। इस पार्क को स्थानीय टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम को विकसित करने के लिए बनाया जा रहा है। जिससे राज्य के साथ-साथ देश को भी लाभ मिलेगा। इस प्रोजेक्ट के लिए 3 मई को विशाखापट्टनम में शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एसजगन मोहन रेड्डी शामिल हुए थे।
3 मई को आंध्र प्रदेश में हुआ शिलान्यास कार्यक्रम
शिलान्यास कार्यक्रम में अडानी कार्यक्रम में अडानी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश अडानी के साथ-साथ अडानी पोर्ट एंड एसईजेड के सीईओ व होल टाइम डायरेक्टर करण अडानी भी शामिल हुए थे। इस प्रोजेक्ट के जरिए लोकल जनता के लिए जॉब के ऑफर मिलेंगे साथ ही विशाखापट्टनम को पैसिफिक आईटी इकोसिस्टम से विशाखापट्टनम को जोड़ेगा। यह पार्क डेवलपमेंट सेंटर के रूप में भी कार्य करेगी।आपको बता दें कि एशिया-पैसिफिकसे वाइजैग को जोड़ने वाला ये पहला केंद्र होगा।
कैसा होगा ये डेटा पार्क
इस पार्क में 300 मेगावाट की इंटीग्रेटेड डेटा सेंटर फैसिलिटी मिलेगी। इस पार्क का संचालन एजकनेरक्स और अडानीग्रुप का 50:50 का जॉइंट वेंचर मिलकर करेगा। यह पार्क पूरी तरह से यानी 100 फीसदी रिन्यूएबल एनर्जी के साथ संचालन किया जाएगा। जो क्लाउड और उभरती तकनीक को विकसित करने के लिए जुड़ा रहेगा। यह इंटीग्रेटेड फैसिलिटी देश का सबसे हाइपर स्केल डेटा सेंटर बनकर उभरेगा।
शिलान्यास कार्यक्रम में अडानी समूह के चेयरमैन ने कहा-
गौतम अडानी ने कहा कि, डेटा उत्पन्न करना, एक्सेस करना और स्थानांतरित करने की क्षमता से हमारी दुनिया को परिभाषित किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा, बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण कंप्यूटेशन और स्टोरेज की जरूरत में खूब वृद्धि हो रही है। यह देश के डेटा सेंटर पार्क के संचालित करने के साथ-साथ उन देशों को भी फायदा होगा जो जमीन और ऊर्जा के मामले में काफी पीछे हैं।