शुक्रवार 12 मई को सुप्रीम कोर्ट में अडानी और हिंडनबर्ग मामले को लेकर सुनवाई हुई। जिसमें कोर्ट ने सेबी को अडानी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की जांच करने के लिए 3 महीने का और अधिक समय दे दिया है। हालांकि सेबी ने कोर्ट से 6 महीने का समय मांगा।
अब इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार यानी 15 मई को होगी। बता दें सेबी ने हाल ही में कोर्ट से अडानी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के जांच में 6 महीने का और अधिक समय मांगा था।
अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट आने को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें यह भी दावा किया गया था कि अडानी ग्रुप के शेयरों में धोखाधड़ी, स्टॉक का हेरफेर किया गया था। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप को बिजनेस में काफी नुकसान हुआ।
उसकी कई कंपनियों के शेयरों में तेजी से गिराव आने लगी और साथ ही करोड़ों का नुकसान हुआ। आपको बता दें कि अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के आरोपों को झूठी बताया था। वहीं सभी रिपोर्ट में किए गए सभी दवों का खंडन किया था।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी सेबी ने 29 अप्रैल को अडानी ग्रुप के आरोपों की जांच पूरी करने के लिए छह महीने अतिरक्त समय मांगा था। जिसमें ,सेबी ने कहा सेबी ने इस मामले की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की।
सेबी ने अपनी इस याचिका में कोर्ट से बताया कि हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर जो आरोप लगाए हैं उसके अनुसार 12 संदिग्ध पैसों का लेन-देन हैं, जिनकी जांच के लिए 15 महीने के समय की आवश्यकता होगी। क्योंकि यह ट्रांजैक्शन पर ही पेचीदा है और इसमें कई सब-ट्रांसजैक्शन भी मौजूद हैं।
29 अप्रैल सेबी ने सुप्रीम कोर्ट के मामले की जांच के लिए अधिक समय देने की मांग की। जिसके बाद सेबी की इस मांग का विरोध हुआ। कई कई नेताओं ने इस पर जमकर विरोध किया भी किया था। सामने अपनी बात रखते हुए जांच को पूरा करने के लिए 6 महीने और वक्त लेने की मांग की है।
हालांकि इस मांग का जमकर विरोध भी हुआ और कई नेताओं ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया भी दी थी. वहीं, सेबी की ओर से मोहलत मांगने के विरोध में याचिका भी दाखिल की गई. First Updated : Friday, 12 May 2023