Adani-Hindenburg Case SC Verdict: अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, गौतम अडानी बोले 'सच्चाई की जीत हुई'
Adani-Hindenburg Case SC Verdict: सुप्रीम कोर्ट द्वारा सेबी जांच को सही ठहराए जाने के बाद गौतम अडानी ने ट्वीट कर कहा कि फैसले से पता चलता है कि सच्चाई की जीत हुई है.
Adani-Hindenburg Case SC Verdict: अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सेबी की जांच रिपोर्ट में दखल देने से इनकार कर दिया है. 3 जजों की बेंच ने कहा कि 'सेबी की जांच उचित है और वह इस मामले की जांच करने के लिए सही एजेंसी है.' अडानी हिंडनबर्ग मामले में बाजार नियामक ने 24 में से 22 मामलों की जांच पूरी कर ली है और 2 मामलों की जांच अभी भी होनी बाकी है. सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को बाकी दो मामलों में जांच पूरी करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया है.
कोर्ट ने क्या कहा?
अडानी मामले में कोर्ट ने कहा कि सेबी की जांच में एफपीआई नियमों से जुड़ी कोई अनियमितता नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सीमित शक्तियां हैं जिनके आधार पर जांच की गई है. इस न्यायालय की सेबी के नियामक ढांचे में प्रवेश करने की शक्ति सीमित है, अर्थात न्यायालय सेबी के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करेगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि सेबी के जांच नियमों में कोई खामी नहीं है और इस मामले की जांच सेबी की जगह एसआईटी को नहीं सौंपी जाएगी.
The Hon'ble Supreme Court's judgement shows that:
— Gautam Adani (@gautam_adani) January 3, 2024
Truth has prevailed.
Satyameva Jayate.
I am grateful to those who stood by us.
Our humble contribution to India's growth story will continue.
Jai Hind.
गौतम अडानी ने फैसले का किया स्वागत
अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. अडानी ने ट्वीट कर कहा कि फैसले से पता चलता है कि सच्चाई की जीत हुई है और उन्होंने कहा कि वह उन लोगों के आभारी हैं जो अडानी समूह के साथ खड़े थे.
क्या है मामला?
24 जनवरी, 2023 को हिंडनबर्ग रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि गौतम अडानी और उनके अडानी ग्रुप ने अडानी कंपनियों के शेयरों में गलत तरीके से पैसा लगाया था. इसके जरिए शेयर की कीमतों में हेरफेर कर शेयरधारकों को धोखा दिया गया है. याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण ने मांग की थी कि अडानी कंपनियों के शेयरों में किए गए निवेश की जांच के साथ-साथ यह भी देखा जाना चाहिए कि किसे क्या फायदा मिला. सेबी ठीक से जांच नहीं कर रही है और इस केस को एसआईटी को ट्रांसफर करने का आदेश दिया जाना चाहिए.