JAL खरीदने की रेस में अडानी भी हो सकते हैं शामिल, 25 मार्च की डेडलाइन से पहले होगा फैसला!
उत्तर प्रदेश की जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) को खरीदने के लिए देश के बड़े उद्योगपतियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा चल रही है. अडानी ग्रुप, वेदांता, GMR, JSW, जिंदल पावर और कई अन्य कंपनियां इस रेस में शामिल हैं. JAL दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है, लेकिन इसके पास बेशकीमती संपत्तियां हैं, जिससे यह कई दिग्गज कंपनियों के लिए आकर्षक डील बन गई है.

उत्तर प्रदेश की बड़ी कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) को खरीदने के लिए देश के कई बड़े उद्योगपतियों में जबरदस्त होड़ मची हुई है. अडानी ग्रुप, वेदांता, GMR, JSW और जिंदल पावर जैसी कंपनियां इस रेस में शामिल हो चुकी हैं. लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर JAL में ऐसा क्या खास है जो इसे खरीदने के लिए इतने बड़े बिजनेस ग्रुप्स दिलचस्पी दिखा रहे हैं?
JAL फिलहाल दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है, लेकिन इसके पास ऐसे एसेट्स हैं, जो इसे एक आकर्षक डील बनाते हैं. यही वजह है कि दिग्गज कंपनियों ने EoI (Expression of Interest) दाखिल कर दिया है और कई और बड़े समूह इस नीलामी में शामिल होने की तैयारी में हैं.
JAL को खरीदने की रेस में कौन-कौन?
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, JSW, Dalmia Bharat, जिंदल पावर, वेदांता, GMR, Welspun और Torrent ने पहले ही EoI दाखिल कर दिया है. वहीं, अडानी ग्रुप भी 25 मार्च की डेडलाइन से पहले इस प्रक्रिया में शामिल हो सकता है. इसके अलावा, दिल्ली के एक बड़े औद्योगिक घराने और Kotak Alternate Assets ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाई है.
JAL के पास क्या है जो इसे बना रहा है खास?
JAL, Jaypee Group का हिस्सा है, जिसे जयप्रकाश गौड़ ने स्थापित किया था. खास बात यह है कि गौड़ एक समय में जूनियर इंजीनियर (JE) थे और उन्होंने इस कंपनी को बुलंदियों तक पहुंचाया. JAL के पास कई बड़े एसेट्स हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 17,300 करोड़ रुपये (करीब 2 अरब डॉलर) आंकी जा रही है. इनमें शामिल हैं:
JAL पर कितना कर्ज है?
JAL पर कुल 48,000 करोड़ रुपये का कर्ज था, जिसे 25 संस्थानों ने दिया था. इनमें ICICI बैंक, SBI, PNB और IDBI बैंक शामिल थे. हालांकि, 12 मार्च को इस कर्ज का 12,700 करोड़ रुपये का हिस्सा नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) को बेच दिया गया.
क्या JAL के अधिग्रहण से बाजार में हलचल मचेगी?
JAL का अधिग्रहण भारतीय बिजनेस जगत के लिए एक बड़ा घटनाक्रम साबित हो सकता है. इसकी बेशकीमती संपत्तियां और इंफ्रास्ट्रक्चर इसे एक शानदार डील बनाते हैं. अब देखना यह है कि कौन सा दिग्गज ग्रुप इस रेस को जीतकर JAL पर कब्जा जमाएगा.