रेलवे के बाद वक्फ बोर्ड के पास सबसे अधिक जमीन, जानें UP समेत अन्य राज्यों में कितनी है प्रॉपर्टी
वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) का ऐलान सरकार ने 8 अगस्त 2024 को किया था. इसके साथ ही मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 भी पेश किया गया था. इन दोनों विधेयकों का मुख्य उद्देश्य वक्फ बोर्ड के संचालन को बेहतर बनाना और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार करना है.

केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया है, जिस पर करीब आठ घंटे तक बहस होगी. आज रात तक इस पर फैसला हो सकता है. अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इसे जल्द से जल्द पारित किया जाएगा.
वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन
इस विधेयक का ऐलान 8 अगस्त 2024 को किया गया था. इसके साथ ही मुसलमान वक्फ विधेयक 2024 भी पेश किया गया. इन विधेयकों का मुख्य उद्देश्य वक्फ बोर्ड के कामकाज को सुव्यवस्थित करना और वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन सुधारना है. संशोधन का लक्ष्य वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर वक्फ की परिभाषा को अपडेट करना और पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार करना है. इसके अलावा, तकनीकी सुधारों के माध्यम से रिकॉर्डकीपिंग को बेहतर बनाने का भी उद्देश्य है.
वर्तमान में वक्फ बोर्ड के पास 9.4 लाख एकड़ भूमि पर फैली 8.7 लाख संपत्तियां हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक है. भारत में यह दुनिया की सबसे बड़ी वक्फ होल्डिंग है. यह सशस्त्र बलों और भारतीय रेलवे के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा भूमि मालिक है. हालांकि, इतने बड़े पैमाने पर संपत्तियों के बावजूद, बोर्ड से कोई आय उत्पन्न नहीं हो रही है.
वक्फ संपत्तियों का सबसे बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश में
सच्चर समिति ने 2006 में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अगर इन संपत्तियों का सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो हर साल कम से कम 12,000 करोड़ रुपये की आय हो सकती है. समिति ने वक्फ के प्रबंधन में सुधार के लिए कई सिफारिशें भी की थीं, जैसे कि वक्फ बोर्ड में महिला सदस्यों की नियुक्ति और वित्तीय लेखा परीक्षा की व्यवस्था. भारत में वक्फ संपत्तियों का सबसे बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, जो वक्फ बोर्ड की कुल संपत्ति का 27 प्रतिशत है. इसके बाद पंजाब और पश्चिम बंगाल का स्थान है.
वक्फ का अर्थ इस्लाम में उस संपत्ति से है जो जन कल्याण के लिए दान की जाती है. यह दानकर्ता द्वारा चल या अचल संपत्ति को जनहित के लिए दान करना होता है. इसके अंतर्गत सभी प्रकार की संपत्तियां जैसे घर, खेत, उपकरण, आदि शामिल हो सकते हैं. भारत में वक्फ का नेटवर्क कानूनी रूप से संरक्षित है, लेकिन पारदर्शिता और जवाबदेही के मुद्दे अब भी चुनौती बने हुए हैं.