ट्रंप के बाद अब अमेरिकी राजदूत ने भारत को बताया सबसे अधिक टैरिफ वाली इकोनॉमी, जानें और क्या कहा?
भारत में अमेरिका के राजदूत गार्सेटी ने कहा कि हमें शुल्क को कम करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए, न कि उन्हें बढ़ते हुए देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे दोनों देश ‘करीब आते जा रहे हैं’, वे एक-दूसरे के साथ ‘अधिक स्पष्ट’ होने में सहज हो रहे हैं.
भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने गुरुवार को कहा कि भारत दुनिया में 'सबसे अधिक टैरिफ' वाली इकोनॉमी है. उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका को व्यापार को ‘निष्पक्ष और समान’ बनाने के उद्देश्य से शुल्क कम करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है. उनकी यह टिप्पणी अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान के कुछ दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ‘बहुत अधिक’ शुल्क लगाता है. ट्रंप ने भारत द्वारा कुछ अमेरिकी उत्पादों के आयात पर लगाए जाने वाले शुल्क के जवाब में जवाबी शुल्क लगाने की अपनी मंशा दोहराई थी.
अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) द्वारा आयोजित एक प्रोग्राम में गार्सेटी ने कहा कि जैसे-जैसे दोनों देश ‘करीब आते जा रहे हैं’, वे एक-दूसरे के साथ अधिक स्पष्ट’ होने में सहज हो रहे हैं. उन्होंने कहा,‘‘हमें शुल्क को कम करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए, न कि उन्हें बढ़ते हुए देखना चाहिए. हमें व्यापार को बढ़ाने और इसे अधिक निष्पक्ष और समान बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. हमें मिलकर यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि प्रशिक्षण और प्रतिभा ऐसी हो जो हिंद-प्रशांत के दोनों ओर की कंपनियों की जरूरतों को पूरा करे.’’
भारत बना अमेरिका का सबसे बड़ा व्यापारिका साझेदार
गार्सेटी ने बताया कि दोनों पक्षों की कठिनाइयों के बावजूद भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार में‘ 10 गुना वृद्धि देखी गई है, जिसमें अमेरिका, भारत का पहले नंबर का व्यापारिक साझेदार बन गया है. उन्होंने कहा,“मुझे लगता है कि जैसा कि आपने सुना है, राष्ट्रपति-के रूप में निर्वाचित ट्रंप ने व्यापार के बारे में बात की और शुल्क को निष्पक्ष रूप से कैसे किया जाना चाहिए, इस पर हमें ईमानदारी से बातचीत करनी चाहिए. मुझे लगता है कि हमारे लिए स्पष्ट रूप से बोलना मददगार होगा, लेकिन हमें इसे एक शुरुआती बिंदु के रूप में उपयोग करना चाहिए, ताकि हम जितना करते हैं उससे कहीं अधिक गहराई से बातचीत कर सकें.
क्या बोले थे ट्रंप
एक प्रेस ब्रीफिंग में अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि भारत अमेरिका के कुछ प्रोडक्ट्स पर काफी ज्यादा टैरिफ लगाता है. उन्होंने इसके बदले में भारतीय उत्पादों पर इसी तरह ज्यादा टैरिफ लगाने की बात कही. ट्रंप ने चीन के साथ संभावित व्यापार समझौते पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि आम तौर पर देखा जाता है कि अगर वे हम पर शुल्क लगाते हैं तो हम भी उन पर उतना ही शुल्क लगाते हैं. लगभग सभी मामलों में वे हम पर शुल्क लगा रहे हैं जबकि हम उन पर शुल्क नहीं लगा रहे हैं.
भारत-अमेरिका के बीच व्यापार 120 बिलियन डॉलर पार
आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 में भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 120 बिलियन डॉलर को पार कर गया है, जो भारत-चीन व्यापार आंकड़ों से थोड़ा अधिक है. इस बीच, भारत ने अमेरिकी बाजार के साथ अपने निर्यात बाजार हिस्सेदारी में धीरे-धीरे वृद्धि देखी है क्योंकि 2010-11 में भारत का निर्यात संयुक्त राज्य अमेरिका को 10% था, जो अब बढ़कर 18% हो गया है. अमेरिका को भारत के निर्यात पोर्टफोलियो में कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग सामान का बड़ा हिस्सा है.