G-20 : जी-20 समिट में ग्लोबल रेग्युलेटरी फ्रेमवर्क बनाने पर बनी सहमति, दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी पर लगेगी रोक

G20 New Delhi : जी-20 घोषणापत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर इंटरनेशनल मुद्रा कोष और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बोर्ड के द्वारा तैयार किए गए सिंथेसिस पेपर का स्वागत किया गया.

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Cryptocurrency : दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन दुनिया भर की प्रमुख आर्थिक ताकत वाले देशों ने समिट में हिस्सा लिया. शनिवार 9 सितंबर को कई मुद्दों पर चर्चा हुई और आगे के लिए रूपरेखा तैयार की गई. इस दौरान क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर भी लंबी चर्चा हुई. जिसमें इसका भविष्य क्या होगा यह साफ पता चलते दिखाई दिया. दरअसल जी-20 घोषणापत्र G20 New Delhi Leaders' Declaration में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर महत्वपूर्ण बातें की गईं. इस घोषणापत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर इंटरनेशनल मुद्रा कोष और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बोर्ड के द्वारा तैयार किए गए सिंथेसिस पेपर का स्वागत किया गया.

क्रिप्टोसकरेंसी पर हुई चर्चा

जी-20 के दौरान सदस्य देशों ने घोषणापत्र में इस बात पर सहमति जताई कि क्रिप्टोसकरेंसी की दुनिया में धड़ले से बदलाव देखने को मिल रहा है, उससे जुड़े रिस्क को गहराई से मॉनिटर करने की आवश्यकता है. वहीं IMF-FSB द्वारा तैयार किए गए सिंथेपेपर ऑन क्रिप्टोसकरेंसी पर आगे की रूपरेखा को लेकर चर्चा हुई. आपको बता दें कि दोनों इंटरनेशनल संगठनों ने जी-20 समिट से पहले इस सप्ताह क्रिप्टोसकरेंसी पर ज्वाइंट पेपर जारी किया था. जिसमें कहा गया था कि क्रिप्टोसकरेंसी पर अगर ब्लैंकेट बैन यानी पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाता है, तो यह संभवत: काम नहीं करेगा.

क्रिप्टोसकरेंसी पर भारत का रुख

जी-20 समिट में क्रिप्टोसकरेंसी को लेकर जो रुख देखा गया, उसी पर भारत पहले से चल रहा है. भारत ने क्रिप्टोसकरेंसी को बैन नहीं किया है लेकिन सख्ती से रेगुलेट करने का रास्ता अपनाया है. यह देश में प्रतिबंधित नहीं है जबकि सरकार ने भारी-भरकम टैक्स लगा दिया है. वहीं दूसरी ओर तमाम देश क्रिप्टोसकरेंसी को लेकर कड़े व पारदर्शी कानून ला सकते हैं, लेकिन इसे बैन नहीं करने वाले. First Updated : Sunday, 10 September 2023