दुनिया को टैरिफ से रुलाने वाले अमेरिका को अब मिला 'सफेद सोने' का खजाना!
अमेरिका को एक जबरदस्त खजाना मिला है जो पूरे ऊर्जा उद्योग को बदलने की ताकत रखता है. एक अमेरिकी ज्वालामुखी के नीचे दुनिया का सबसे बड़ा लिथियम भंडार पाया गया है, जिसकी कीमत 452 बिलियन डॉलर (करीब 36 लाख करोड़ रुपये) तक हो सकती है. इस लिथियम की असाधारण सांद्रता के कारण यह अमेरिका को अपनी ऊर्जा जरूरतें पूरी करने में एक बड़ा फायदा दे सकता है. क्या इससे अमेरिका की ऊर्जा नीति में बड़ा बदलाव होगा? पूरी खबर जानने के लिए पढ़ें!

World’s Largest Lithium: अमेरिका ने एक ऐसा खजाना खोजा है, जिसे ‘सफेद सोना’ कहा जा सकता है. यह खजाना लिथियम के रूप में है जो दुनिया के सबसे बड़े लिथियम भंडार के रूप में सामने आया है. यह खोज अमेरिका के मैकडर्मिट कैल्डेरा में हुई है, जो एक विशाल ज्वालामुखी के नीचे दबा हुआ था. इस खजाने की कीमत अनुमानित रूप से 36,13,75,00,00,000 रुपये (452 बिलियन अमेरिकी डॉलर) हो सकती है. यह लिथियम इतना सांद्रित है कि यह न केवल अमेरिका के लिए बल्कि पूरी दुनिया के ऊर्जा उद्योग के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकता है.
कैल्डेरा के भीतर दबा खजाना
दरअसल मैकडर्मिट कैल्डेरा अमेरिका का एक विशाल सुपरवोलकैनो है, जो 16.4 मिलियन साल पहले एक भयंकर ज्वालामुखी विस्फोट से बना था. इस कैल्डेरा में एक झील विकसित हुई थी, जहां ज्वालामुखीय राख और खनिज युक्त मिट्टी के ढेर लगे थे. समय के साथ इन परिस्थितियों ने लिथियम युक्त मिट्टी के खनिजों को जन्म दिया, जिसमें प्रमुख रूप से इलाइट और स्मेक्टाइट नामक खनिज शामिल हैं. इस क्षेत्र में लगभग 120 मिलियन मीट्रिक टन लिथियम जमा हो सकता है. अगर यह पूरी तरह से विकसित किया जाता है तो यह अमेरिका की आयातित लिथियम पर निर्भरता को कम कर सकता है और साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) तथा अन्य नवीकरणीय प्रौद्योगिकियों की लागत को भी घटा सकता है.
असाधारण सांद्रता वाला लिथियम
इस खोज की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कैल्डेरा में पाया गया लिथियम बेहद उच्च सांद्रता वाला है. सामान्य तौर पर लिथियम की सांद्रता लगभग 0.4% होती है लेकिन यहां यह 2.4% तक है जो एक असाधारण आंकड़ा है. इसका मतलब है कि लिथियम की मात्रा सामान्य खनिजों के मुकाबले कहीं अधिक है, जिससे इसकी व्यावसायिक उपयोगिता और लाभ भी बहुत बढ़ जाता है.
अमेरिका को क्या मिलेगा?
अमेरिका के लिए यह खोज बेहद अहम है क्योंकि यह न केवल उनकी ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत कर सकती है, बल्कि अमेरिका को एक बड़े वैश्विक ऊर्जा खिलाड़ी के रूप में भी स्थापित कर सकती है. लिथियम का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों, नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों और अन्य उन्नत तकनीकों में होता है. ऐसे में इस लिथियम भंडार का पूरा लाभ उठाकर अमेरिका इन क्षेत्रों में अपनी भूमिका को और बढ़ा सकता है.
इस लिथियम भंडार का प्रभाव भविष्य में कई ऊर्जा उद्योगों पर पड़ेगा. यह अमेरिका की ऊर्जा नीतियों को प्रभावित कर सकता है, खासकर जब बात इलेक्ट्रिक वाहनों और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की हो. इसके अलावा, यह अमेरिकी बाजार को स्थिरता प्रदान करेगा, क्योंकि यह आयात पर निर्भरता को कम कर देगा. साथ ही, इससे उत्पन्न होने वाली नौकरियों और उद्योगों में विकास भी हो सकता है.