अडानी विवाद के बीच Mukesh Ambani ने अमेरिका में की बड़ी डील, इस कंपनी के बने हिस्सेदार

Adani controversy: अडानी समूह इन दिनों अमेरिका मे रिश्वत के आरोपों में फंसा नजर आ रहा है. इस बीच मुकेश अंबानी ने अमेरिका में एक बड़ी डील क्रेक की है. अंबानी ने एक अमेरिकी कंपनी में 21 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदी है.

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Adani controversy: अडानी समूह पर अमेरिकी एजेंसियों द्वारा रिश्वत के आरोप लगाए जाने से खींचतान जारी है, लेकिन इस बीच मुकेश अंबानी ने अमेरिका में एक महत्वपूर्ण डील कर सभी का ध्यान खींचा है. उन्होंने हीलियम गैस खोज और उत्पादन करने वाली अमेरिकी कंपनी में 21% हिस्सेदारी खरीदी है.

यह डील रिलायंस इंडस्ट्रीज की भविष्य की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है, जिसमें कम कार्बन उत्सर्जन वाले ऊर्जा स्रोतों पर फोकस किया जा रहा है. इस निवेश से न केवल रिलायंस का ऊर्जा क्षेत्र में विस्तार होगा, बल्कि कंपनी के लिए लाभकारी संभावनाएं भी बढ़ेंगी.

101 करोड़ रुपये में 21% हिस्सेदारी

मुकेश अंबानी ने अमेरिका की वेवटेक हीलियम नामक कंपनी में 1.2 करोड़ डॉलर (करीब 101.33 करोड़ रुपये) में 21 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है. इस सौदे की जानकारी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने गुरुवार को शेयर बाजार को दी.

वेवटेक हीलियम का परिचय

वेवटेक हीलियम की स्थापना 2 मई 2021 को अमेरिका में हुई थी और 2024 में इसका कमर्शियल ऑपरेशन शुरू हुआ. कंपनी ने संपत्तियों का अधिग्रहण कर हीलियम का उत्पादन शुरू किया.

कहां होता है हीलियम का इस्तेमाल

वेवटेक कंपनी द्वारा उत्पादित हीलियम का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है. मेडिकल साइंस, साइंटिफिक रिसर्च, एयरोस्पेस और एविएशन, फाइबर ऑप्टिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में इसका महत्व है. भविष्य में यह एआई, डेटा सेंटर विस्तार और सेमीकंडक्टर उत्पादन के लिए भी उपयोगी होगा.

रिलायंस की रणनीति

रिलायंस इंडस्ट्रीज का यह कदम कम कार्बन समाधानों में निवेश की रणनीति का हिस्सा है. कंपनी ने बताया कि इस डील के लिए किसी सरकारी या नियामकीय अनुमोदन की आवश्यकता नहीं थी.

भविष्य के लिए फायदे

हीलियम की बढ़ती मांग और एआई तथा कंप्यूटर चिप निर्माण जैसे क्षेत्रों में इसके उपयोग को देखते हुए रिलायंस का यह निवेश दीर्घकालिक मुनाफा दिलाने वाला साबित हो सकता है. इससे रिलायंस का ऊर्जा क्षेत्र में दबदबा और भी मजबूत होगा. First Updated : Friday, 29 November 2024