आज डिजिटल युग में परे विश्व में लोग ऑनलाइन पेमेंट कर रहे हैं। मार्केट में कोई सामान लेना हो या फिर बिजली का बिल भरना हो जैसे सभी भुगतान करने के लिए लोग ऑनलाइन पेमेंट ऐप, गूगल पे, फोन पे, पेटीएम सहित अन्य प्लेटफॉर्म का सहारा ले रहे हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि डिजिटल युग में भी लोग एटीएम से पैसे निकाल रहे हैं।
गुरुवार 25 मई को कैश मैनेजमेंट कंपनी सीएमएस की कैश वाइब्रेंसी रिपोर्ट इस बात की जानकारी दी गई। पिछले एक साल के दौरान देश में एटीएम से कैश निकासी में भारी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार एक अप्रैल, 2022 से 31 मार्च, 2023 के बीच भारत के एटीएम में से 33 लाख करोड़ रुपये निकाले गए। जोकि पिछले साल की तुलना में काफी ज्यादा है। पिछले साल एटीएम से 32 लाख करोड़ रुपये की निकासी की गई थी। सीएमएस इन्फो सिस्टम्स के अध्यक्ष अनुश राघवन ने इस बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में कैश का महत्व बढ़ा है। जो कोरोना काल में बहुत कम था कोविड के बाद देश की आर्थित स्थिति में सुधार आया है। जिसका कारण रिटेल कैश मैनेजमेंट का खर्च में भी डेढ़ गुने की वृद्धि हुई है। यह 2021-22 के 1.49 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में 2.06 करोड़ रुपये पहुंच गया।
रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक साल में उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में लगभग 15 लाख करोड़ की रुपये एटीएम से निकाले गए हैं। बता दें यह राशि 69.5 करोड़ बार में डेबिट कार्ड से निकाले गए हैं। वहीं यूपी में हर महीने एक एटीएम को औसतन 9.8 बार भरा गया।
रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक साल में कई राज्यों में एटीएम से कैश निकासी करने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इसमें तमिलनाडु 15.77 फीसदी, दिल्ली में 23.78 फीसदी, कर्नाटक 18.14 फीसदी, महाराष्ट्र 13.69 फीसदी, उत्तर प्रदेश 9.13 फीसदी और केरल 14.67 फीसदी लोग बढ़े हैं।
बता दें बीते वर्ष में सबसे ज्यादा कर्नाटक के एक एटीएम से औसतन 1.73 करोड़ रुपये और दूसरे नंबर पर छत्तीसगढ़ में 1.58 करोड़ रुपये निकले। First Updated : Friday, 26 May 2023