Basmati Rice Export : दुनिया भर में महंगाई बढ़ी जा रही है. मोटे अनाज दाल, चावल जैसे खाद्य सामग्रियों के दाम आसमान छू रहे हैं. भारत ने हाल ही में चावल के अलग-अलग प्रकारों के निर्यात और उस पर लगने वाले शुल्क को लेकर कई बड़े फैसले लिए हैं. जिसके बाद से ग्लोबल स्तर पर चावल की कीमतों में रिकॉर्ड स्तर बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वहीं चावल आयातक देशों ने पैदावार कम होने के कारण चावल के निर्यात पर ज्यादा टैक्स लगा दिया था. जिससे कीमतों में और उछाल देखने को मिल रहा है.
भारत सरकार ग्लोबल स्तर पर बासमती चावल के बढ़े दाम को कम करने के लिए फैसला ले सकती है. जानकारी के अनुसार सरकार हरियाणा, पंजाब, व उत्तर प्रदेश जैसे चावल उत्पादक राज्यों में किसानों और राज्य सरकार के अधिकारियों से चर्चा करके इन बासमती चावल के दाम को काबू में करने के लिए फैसला लिया जा सकता है. यानी सरकार बासमती चावल के मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस 1200 डॉलर प्रति टन से कम करके 850 डॉलर प्रति टन करने पर विचार कर रही है.
फाइनेंशियल रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार बासमती चावल के एक्सपोर्ट प्राइस को घटाने की घोषणा जल्द कर सकती है. हाल ही में उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बासमती चावल के एक्सपोर्ट लीडर के साथ एक बैठक की थी. तब केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि सरकार एमईपी को घटाकर 900 डॉलर प्रति टन कर देगी. निर्यातकों के कहने पर पीयूष गोयल ने शुल्क को और कम करने पर सहमति जताई थी. भारत के वार्षिक 4.5 मिलियन टन बासमती चावल निर्यात पर लगभग 75 प्रतिशत 700 से 1000 डॉलर प्रति टन के औसत मूल्य पर दूसरे देशों में भेजा जाता है. First Updated : Thursday, 05 October 2023