Bomb Scare In Delhi-Mumbai Flight: फ्लाइट में यात्री के पास बम है फिर क्या हुआ
दिल्ली से मुंबई जा रही विस्तारा फ्लाइट में बम की खबर से हड़कंप मच गया. एक महिला यात्री ने अपने सहयात्री के पास बम होने की सूचना फ्लाइट क्रू को दी.. महिला की शिकायत पर तुरंत एक्शन लिया गया.. लेकिन फिर क्या हुआ बताएंगे.
आए दिन फ्लाइट से जुड़ी कोई न कोई खबर सामने आती रहती है. आज भी कुछ ऐसी खबर हम आपको बता रहे हैं. दरअसल विस्तारा फ्लाइट में सवार महिला यात्री ने क्रू मेंबर को जो बताया उसे सुन उनके होश उड़ गए आनन फानन में क्रू ने मामले की कार्रवाई की और CISF को बुलाया गया. और उस शख्स को दिल्लीए पुलिस के हवाले कर दिया गया. शख्स के खिलाफ एक मुकदमा भी दर्ज हो गया. लेकिन जब पूरा मामला खुला तो उस शख्स को छोड़ दिया गया।
28 साल के इस शख्स का नाम अजीम खान है जिसने दिल्ली से मुंबई के लिए उड़ान भरी.. लेकिन इस फ्लाइट में उसके साथ क्या होने वाला है उसने सोचा भी नहीं होगा.. वो फोन पर बात कर रहा था और अपने रिश्तेदार को एयरपोर्ट पर हुई अपनी आप बीती सुना रहा था कि कैसे उसे सिक्योरिटी वालो ने रोक लिया. ये सब बातें साथ ही मौजूद महिला यात्री भी सुन रही थी।
अजीम ने फोन पर बताया कि उसके पास एक सूखा नारियल था जिसे एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी ने जब्तथ कर लिया और कहा कि यह बम हो सकता है. बस फिर क्या था बम शब्द सुनते ही महीला के कान खड़े हो गए और उसने बिना देर किए सारा मांजरा फ्लाइट क्रू को बता दिया.. महिला और क्रू दोनों ने ही अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई.. उसके बाद जो कार्रवाई की गई उससे फ्लाइट 2 घंटे की देरी से उड़ान भर सका.. शिकायत करने वाली महिला मुंबई में मॉडल है और इस घटना के बाद उसने उस फ्लाइट में बैठने से ही मना कर दिया।
ये मामला बुधवार का है जब दिल्ली से मुंबई जा रही विस्तारा की फ्लाइट UK941 में ये घटना घटी.. लेकिन इस गलतफहमी का खामियाजा उस शख्स को उठाना पड़ा. दरअसल अजीम खान को मुंबई तक कनेक्टिंग फ्लाइट के जरिए दुबई जाना था. शख्स दुबई में जॉब के लिए जा रहा था।
Bomb Scare In Delhi-Mumbai Flight: फ्लाइट में यात्री के पास बम है फिर क्या हुआ..वहीं इस मामले पर दिल्ली पुलिस का कहना है कि एयरपोर्ट या फ्लाइट में 'बम' या 'विस्फोटक' जैसे शब्दों का इस्तेइमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे दहशत फैलती है. शख्स पर आईपीसी की धारा 268 जिसमें सार्वजनिक उपद्रव और 341 यानि गलत तरीके से रोकने के तहत मामला दर्ज किया गया था लेकिन जांच में कुछ संदिग्ध नहीं मिलने पर उसे छोड़ दिया गया. लेकिन ऐसी घटना न केवल अजीम बल्कि दूसरों के लिए भी एक सबक है।