Budget 2025: निर्मला सीतारमण बना रही हैं इतिहास, लगातार आठवें बजट के साथ बनाएंगी नया रिकॉर्ड!
Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी 2025 को भारतीय इतिहास में एक नया मील का पत्थर स्थापित करने जा रही हैं. वह लगातार आठवीं बार आम बजट पेश करेंगी, जो कि एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी. इस दौरान, उनका यह कदम पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई द्वारा पेश किए गए 10 बजटों के रिकॉर्ड के करीब पहुंचने वाला होगा.

Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस साल 1 फरवरी को भारत का बजट पेश करते हुए इतिहास रचने जा रही हैं. यह उनका आठवां बजट होगा, और इस तरह वह लगातार आठ बजट पेश करने वाली पहली वित्त मंत्री बन जाएंगी. उनके इस कार्यकाल ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर तय किया है, जो पहले कभी किसी वित्त मंत्री द्वारा नहीं देखा गया था. अब, उनका नाम पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के साथ जुड़ने वाला है, जिन्होंने एक दशक के दौरान कुल 10 बजट पेश किए थे.
आशा की जा रही है कि इस साल के बजट में सरकार देश की कमजोर होती आर्थिक स्थिति को सुधारने के उपायों के साथ-साथ महंगाई और स्थिर वेतन वृद्धि से जूझ रहे मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए ठोस कदम उठाएगी. इस अवसर पर हम नज़र डालेंगे भारत के बजट इतिहास पर और देखेंगे कि निर्मला सीतारमण के साथ-साथ अन्य वित्त मंत्रियों ने किस प्रकार बजट पेश किए हैं.
भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को 2019 में भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के दौरान उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली थी. तब से उन्होंने सात बजट पेश किए हैं और अब 2025 में लगातार आठवां बजट पेश करने के लिए तैयार हैं. यह उनके वित्तीय नेतृत्व की दृढ़ता और क्षमता का प्रतीक है.
भारत का पहला बजट और वित्त मंत्री की महत्वपूर्ण भूमिका
स्वतंत्र भारत का पहला आम बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था. तब भारत के पहले वित्त मंत्री आर के शनमुखम चेट्टी ने इसे प्रस्तुत किया था. इसके बाद से कई वित्त मंत्रियों ने भारत के बजट की दिशा तय की, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का योगदान बहुत अहम रहा. उन्होंने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और बाद में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में कुल 10 बजट पेश किए.
सबसे लंबा और सबसे छोटा बजट भाषण
निर्मला सीतारमण के बारे में एक दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने सबसे लंबा बजट भाषण 1 फरवरी 2020 को दिया था, जो दो घंटे 40 मिनट तक चला. यह भाषण अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण बन गया है. दूसरी ओर, वर्ष 1977 में वित्त मंत्री हीरूभाई मुलजीभाई पटेल ने जो अंतरिम बजट पेश किया था, वह सबसे छोटा भाषण था, जिसमें केवल 800 शब्द थे. यह एक दिलचस्प विरोधाभास है, जो भारतीय बजट प्रस्तुतियों की विविधता को दर्शाता है.
बजट की तारीख और समय में बदलाव
भारत में बजट पारंपरिक रूप से फरवरी के आखिरी दिन शाम 5 बजे पेश किया जाता था, लेकिन वर्ष 1999 में यह समय बदला और तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने सुबह 11 बजे बजट पेश किया. तब से यह प्रथा जारी रही. वर्ष 2017 में, सरकार ने बजट पेश करने की तिथि एक फरवरी कर दी, ताकि मार्च के अंत तक संसदीय मंजूरी की प्रक्रिया पूरी की जा सके.
निर्मला सीतारमण का आठवां बजट पेश करने का रिकॉर्ड भारतीय वित्तीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है. उनके द्वारा पेश किए गए बजटों में हमेशा से एक विशिष्ट दृष्टिकोण और रणनीति रही है, जो देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए महत्त्वपूर्ण रही है. इस बार का बजट भी भारत के भविष्य को लेकर नई उम्मीदों का संकेत है.