Budget 2025: आम आदमी, मिडिल क्लास और युवाओं के लिए क्या है खास?
Aam Budget 2025 : देश के बजट को 'आम बजट' भी कहा जाता है, शायद इसकी बड़ी वजह यही है कि हर साल बजट से सबसे ज्यादा उम्मीद देश के आम आदमी को ही रहती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज सुबह 11 बजे वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करने जा रही हैं. इस बार बजट में क्या खास होने वाला है, यहां समझिए पूरी बात...

Aam Budget 2025 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज सुबह 11 बजे संसद में वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश करने जा रही हैं. यह बजट ऐसे समय में आ रहा है, जब अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद दुनिया की इकोनॉमी में बड़े बदलावों की संभावना जताई जा रही है. भारत में महंगाई नियंत्रण में है, लेकिन यह आम लोगों की ज़िंदगी में उतनी राहत नहीं दे रही है. कॉरपोरेट टैक्स तो निचले स्तर पर है, फिर भी प्राइवेट इंवेस्टमेंट बहुत कम है और रोजगार की स्थिति भी चिंताजनक है. ऐसे में इस बजट से आम आदमी, मिडिल क्लास, सैलरी क्लास, महिलाएं और युवा वर्ग को क्या मिलेगा, आइए जानते हैं.
बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे 2024-25
इकोनॉमिक सर्वे 2024-25 के मुताबिक, अगले वित्त वर्ष में देश की इकोनॉमिक ग्रोथ 6.5 से 6.8 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है. अब वित्त मंत्री ने बजट तैयार कर लिया है, तो यह देखना अहम है कि सरकार किस क्षेत्र में क्या कदम उठाने जा रही है.
इनकम टैक्स
सैलरी क्लास के लिए इनकम टैक्स में राहत या टैक्स स्लैब में बदलाव सबसे अहम मुद्दा होता है. पिछले बजट में सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को 50,000 से बढ़ाकर 75,000 कर दिया था. इस बार उम्मीद है कि सरकार न्यू इनकम टैक्स स्लैब में कुछ नई राहत का ऐलान कर सकती है, जिससे आम आदमी को फायदा हो. हालांकि, ओल्ड टैक्स रिजीम में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है.
रोजगार
बजट में रोजगार बढ़ाने पर भी सरकार ध्यान दे सकती है. पिछले बजट में प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का ऐलान किया गया था, लेकिन यह पूरी तरह से सफल नहीं हो पाई. इस बार सरकार सरकारी विभागों में खाली पदों को भरने और प्राइवेट सेक्टर में रोजगार बढ़ाने के लिए योजनाएं बना सकती है.
गरीब और महंगाई
महंगाई के मद्देनजर सरकार गरीबों के लिए कुछ राहत देने के उपाय कर सकती है. इसके तहत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को बढ़ाया जा सकता है. साथ ही खाने-पीने की चीजों पर टैक्स में कटौती, खाद्य तेल पर आयात शुल्क में छूट और पेट्रोल-डीजल पर टैक्स में कमी जैसे कदम उठाए जा सकते हैं. हालांकि, सरकार को राजकोषीय घाटे और कर्ज के बोझ को भी संभालना होगा.
महंगाई और कंजप्शन
महंगाई के बावजूद कंजप्शन में कमी आ रही है. कई जरूरी चीजों की कीमतें 5 से 20 प्रतिशत तक बढ़ चुकी हैं, लेकिन इसके बावजूद कंजप्शन कम हो रहा है. बजट में महंगाई को नियंत्रित करने के उपाय किए जा सकते हैं, ताकि लोगों की खरीदारी क्षमता बढ़े.
इंफ्रास्ट्रक्चर
सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा ध्यान दे सकती है. रेलवे, सड़क परिवहन और डिफेंस जैसे सेक्टरों में बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च हो सकता है. इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करने से इकोनॉमी को फायदा होता है, क्योंकि इससे रोजगार के मौके भी बढ़ते हैं.
इलेक्ट्रिक व्हीकल
सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दे सकती है. इससे पेट्रोलियम इंपोर्ट कम होगा और नए रोजगार के मौके भी पैदा होंगे. साथ ही पर्यावरण की रक्षा भी होगी.
अन्य क्षेत्र
बजट में सरकार महिला सशक्तिकरण, हेल्थ और सोशल सिक्योरिटी पर भी ध्यान दे सकती है. इसके अलावा कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं बनाई जा सकती हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा है कि सरकार का ध्यान गरीब और मिडिल क्लास की भलाई पर होगा, जो इस बजट की प्राथमिकता को दर्शाता है.