Export Ban : केंद्र सरकार ने लिया बड़ा एक्शन, डी-ऑयल राइस की भूसी के निर्यात पर लगाया बैन
De Oiled Rice Bran : सरकार ने तेल रहित चावल की भूसी के निर्यात पर भी बैन लगा दिया है. यह प्रतिबंध 30 नवंबर, 2023 तक के लिए लगाया गया है.
De Oiled Rice Bran : भारत सरकार ने हाल ही में गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. जिसके बाद दूसरों देशों में चावल की खरीद को लेकर मारा-मारी हो रही है. अधिक कीमतों पर चावल की ब्रिकी की जारी रही है. इस बीच केंद्र सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने तेल रहित चावल की भूसी के निर्यात पर भी बैन लगाने का निर्णय लिया है. यह प्रतिबंध 30 नवंबर, 2023 तक के लिए लगाया गया है. शुक्रवार 28 जुलाई को डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड ने एक नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी.
भारत दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक देश
भारत दुनिया भर में तेल रहित चावल की भूसी का निर्यात करने वाला सबसे बड़ा देश है. भारत हर वर्ष 10 लाख टन से ज्यादा चारे को दूसरे देशो में निर्यात करता है. केंद्र सरकार के तेल रहित चावल की भूसी के निर्यात पर रोक लगाने के फैसले से विश्व में इसका असर देखने को मिल सकता है. आपको बता दें कि इनका इस्तेमाल जानवरों के चारे के लिए किया जाता है. इसके अलावा इसका उपयोग शराब के निर्माण और कई बीमारियों की दवाई में होता है. जैसे कि मोटापे, कोलेस्ट्रॉल, दिल, उच्च रक्तचाप आदि के इलाज के लिए उपयोग होता है.
सरकार ने क्यों लिया फैसला
रिपोर्ट के अनुसार देश में पिछले कुछ महीनों से दूध की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह जानवरों के भूसे की कीमतों में इजाफा है. चारे के दाम को काबू में करने के लिए केंद्र सरकार ने के तेल रहित चावल की भूसी के निर्यात पर बैन लगाया है. जानकारी के अनुसार जानवरों के खाने में इसका 25 प्रतिशत हिस्सा होता है. अनुमान है कि इससे दूध के दामों में भी गिरावट आ सकती है.