शेयर बाजार में इन दिनों भारी गिरावट देखने को मिल रही है. पिछले 7 कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स में 3.75 फीसदी और निफ्टी में 4 फीसदी की गिरावट आई है इस दौरान निवेशकों को 23.50 लाख करोड़ रुपए का भारी नुकसान हुआ है। जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में बाजार में और गिरावट आ सकती है. इसके पीछे कुछ प्रमुख कारण हैं, जिनका असर भारतीय शेयर बाजार पर साफ तौर पर दिखाई दे रहा है. आइए जानते हैं वो 5 कारण जो बाजार में गिरावट का कारण बन रहे हैं.
शेयर बाजार पर दबाव बढ़ने के कई कारण बताए जा रहे हैं. आने वाले दिनों में गिरावट की संभावना बनी हुई है. निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है, ताकि वे इस संकट से बच सकें और अपनी निवेश रणनीति में बदलाव कर सकें.
अमेरिकी फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में कटौती को लेकर कोई बदलाव नहीं किया है और इसके 2026 तक स्थिर रहने की संभावना है. इससे अमेरिकी शेयर बाजार पर दबाव बढ़ सकता है, जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखेगा. नॉमुरा के मुताबिक, दिसंबर में भी फेड द्वारा ब्याज दरों में कोई बदलाव की उम्मीद नहीं है, जिससे वैश्विक बाजार पर दबाव बढ़ सकता है.
फेड द्वारा ब्याज दरों में बदलाव न करने का मतलब है कि डॉलर इंडेक्स में मजबूती बने रह सकती है. इस समय डॉलर इंडेक्स में 2 फीसदी से अधिक की वृद्धि हो चुकी है और यह 107 से 108 के लेवल पर जा सकता है. डॉलर की मजबूती से भारतीय शेयर बाजार में दबाव बढ़ सकता है और विदेशी निवेशकों की निकासी हो सकती है.
भारतीय कंपनियों की दूसरी तिमाही के परिणाम अच्छे नहीं रहे. कई कंपनियों के प्रॉफिट में गिरावट आई है और अनुमान है कि आने वाली तिमाहियों में भी यह स्थिति बनी रहेगी. रिसर्च फर्म जेफरीज की रिपोर्ट के अनुसार, जिन 121 कंपनियों को ट्रैक किया गया है, उनमें से 63 फीसदी कंपनियों के प्रॉफिट में गिरावट हो सकती है.
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की तरफ से भारतीय शेयर बाजार से लगातार निकासी हो रही है. नवंबर के महीने में एफआईआई ने अब तक 23,913 करोड़ रुपए निकाले हैं और अक्टूबर-नवंबर के दो महीनों में लगभग 1.18 लाख करोड़ रुपए की निकासी हो चुकी है. विदेशी निवेशकों की निकासी से भारतीय शेयर बाजार में और गिरावट देखने को मिल सकती है. First Updated : Tuesday, 19 November 2024