Wheat-Rice Sell : देश भर में पिछले कुछ समय से महंगाई बढ़ती जा रही है. फल-सब्जी, दूध-दही समेत मौटे अनाज के दाम आसमान छू रहे हैं. वहीं गेहूं और चावल के दामों में भी भारी उछाल देखने को मिला है. केंद्र सरकार बढ़ी कीमतों को नियंत्रित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इस ओर भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने खुदरा भाव को कम करने के लिए खुले बाजार ब्रिकी योजना के तहत 1.66 लाख टन गेहूं और 17,000 टन चावल को बेचा है.
खाद्य मंत्रालय ने कहा कि छह सितंबर को आयोजित 11वीं ई-नीलामी में देशभर से 500 डिपो से कुल 2 लाख टन गेहूं और 337 डिपो से 4.89 लाख टन चावल की पेशकश की गई थी. छोटे खुदरा विक्रेताओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय खाद्य निगम ने एक खरीदार को अधिकतम 100 टन गेहूं व 1000 टन चावल दे रहा है. इसके अलावा खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा 8 सितंबर तक 1,088.50 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है. वहीं कृषि एवं किसान कल्याण विभाग अनुसार इस अवधि तक चावल की बुवाई का रकबा वार्षिक आधार पर 403.41 लाख हेक्टेयर हो गया है.
भारत हाल ही में उबले और बासमती चावल के निर्यात पर और अधिक रोक लगा दिया था. इससे पहले जुलाई में गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस फैसले में दुनिया भर में हड़कंप मच गया है. इंटरनेशनल मार्केट में चावल के दाम में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. जोकि 15 साल में सबसे ज्यादा हैं. First Updated : Tuesday, 12 September 2023