केंद्रीय बजट 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार 8वीं बार पेश करेंगीं बजट, जानें बजट से जुड़े तथ्य
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को रिकॉर्ड आठवां केंद्रीय बजट पेश करेंगी. इस बजट में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए उपायों के साथ-साथ उच्च कीमतों और स्थिर वेतन वृद्धि से जूझ रहे मध्यम वर्ग के लिए राहत देने की उम्मीद है.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को रिकॉर्ड आठवां केंद्रीय बजट पेश करेंगी. इस बजट में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए उपायों के साथ-साथ उच्च कीमतों और स्थिर वेतन वृद्धि से जूझ रहे मध्यम वर्ग के लिए राहत देने की उम्मीद है. इसके अलावा, यह बजट राजकोषीय रूप से विवेकपूर्ण भी रहने की संभावना है.
सीतारमण के बजट पेश करने का रिकॉर्ड
निर्मला सीतारमण लगातार आठ केंद्रीय बजट पेश करने का रिकॉर्ड कायम करेंगी. इससे पहले, यह रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के पास था, जिन्होंने विभिन्न अवधियों में कुल 10 बजट पेश किए थे. 1959 से 1964 तक वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने 6 बजट पेश किए और फिर 1967 से 1969 के बीच 4 बजट प्रस्तुत किए.
दूसरे नंबर पर चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी ने क्रमशः 9 और 8 बजट पेश किए. चिदंबरम ने 1996 से लेकर 2014 तक विभिन्न समयों पर बजट प्रस्तुत किया, जबकि प्रणब मुखर्जी ने 1982 से लेकर 2012 तक बजट प्रस्तुत किए थे.
मोदी सरकार में सीतारमण का योगदान
सीतारमण को 2019 में भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना दूसरा कार्यकाल जीता. 2024 में मोदी के तीसरे कार्यकाल में भी उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में अपना पद बरकरार रखा. अब तक, उन्होंने कुल सात केंद्रीय बजट पेश किए हैं, जिनमें 2024 का अंतरिम बजट भी शामिल है.
स्वतंत्र भारत का पहला बजट
स्वतंत्र भारत का पहला केंद्रीय बजट 26 नवम्बर 1947 को आर.के. षणमुखम चेट्टी ने पेश किया था. यह बजट देश की पहली वित्तीय संरचना को स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण था और भारत के आर्थिक विकास के रास्ते को तय करने में अहम भूमिका निभाई.
मोरारजी देसाई का सबसे ज्यादा बजट प्रस्तुत करने का रिकॉर्ड
मोरारजी देसाई ने अपने कार्यकाल में सबसे ज्यादा, यानी कुल 10 बजट पेश किए. उनका पहला बजट 28 फरवरी 1959 को प्रस्तुत किया था. इसके बाद, उन्होंने 1962 में एक अंतरिम बजट और फिर अगले चार वर्षों में तीन और पूर्ण बजट पेश किए. 1967 में उन्होंने एक और अंतरिम बजट पेश किया और इसके बाद 1967 से 1969 तक तीन और पूर्ण बजट प्रस्तुत किए.
पी. चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी का योगदान
पी. चिदंबरम ने 1996 से 2014 के बीच 9 बजट पेश किए, जबकि प्रणब मुखर्जी ने 1982 से 2012 के बीच आठ बजट प्रस्तुत किए. इन दोनों नेताओं ने भारत की वित्तीय नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
मनमोहन सिंह का पांच बजट प्रस्तुत करना
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 से 1995 के बीच पी.वी. नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए लगातार पांच बजट पेश किए थे. उनका योगदान भारतीय आर्थिक नीतियों में अविस्मरणीय था, विशेष रूप से आर्थिक उदारीकरण की प्रक्रिया में.
सबसे लंबा बजट भाषण
निर्मला सीतारमण के नाम सबसे लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड है. 1 फरवरी 2020 को उन्होंने दो घंटे 40 मिनट का भाषण दिया था, जो कि एक ऐतिहासिक घटना थी. यह भाषण भारतीय संसद में अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण माना जाता है.
सबसे छोटा बजट भाषण
1977 में हीरूभाई मुलजीभाई पटेल ने केवल 800 शब्दों का अंतरिम बजट भाषण दिया था, जो अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण है. यह बजट भाषण एक अजीबोगरीब घटना के रूप में याद किया जाता है.
बजट पेश करने का समय
पारंपरिक रूप से बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था, जो ब्रिटिश ग्रीष्मकालीन समय का पालन करता था. 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के तहत वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने इसे बदलकर सुबह 11 बजे किया. तब से बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाता है.
बजट पेश करने की तिथि
वर्ष 2017 से बजट पेश करने की तिथि बदलकर 1 फरवरी कर दी गई थी, ताकि सरकार वित्तीय वर्ष के शुरुआत से पहले बजट को लागू कर सके. इससे संसद की अनुमोदन प्रक्रिया जल्दी पूरी हो जाती है और बजट का क्रियान्वयन तुरंत शुरू हो सकता है.