28% GST की चुनौती के बीच, क्या बजट 2025 देगा गेमिंग इंडस्ट्री को नई उड़ान?

भारत का ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर 28% जीएसटी की ऊंची दर के बावजूद तेजी से आगे बढ़ रहा है. लेकिन उद्योग को सख्त नीतियों और कर दबावों से जूझना पड़ रहा है. बजट 2025 से उम्मीद है कि यह इंडस्ट्री को राहत देकर इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगा. क्या यह सेक्टर भारत को ग्लोबल गेमिंग पावरहाउस बना सकता है? जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर!

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Edited By: Aprajita

Gaming Industry Future: भारत का ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में तेजी से अपनी जगह बना रहा है. 28% की भारी जीएसटी दर के बावजूद इस उद्योग ने $3.8 बिलियन का सकल राजस्व अर्जित किया. स्मार्टफोन और इंटरनेट की बढ़ती पहुंच, इन-ऐप खरीदारी का क्रेज और युवा आबादी का जोश इस सफलता की प्रमुख वजहें हैं. लेकिन इसके बावजूद उद्योग को कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

क्यों चिंतित है ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री?

सबसे बड़ी परेशानी जीएसटी की 28% की ऊंची दर है. यह कर रजिस्टर किए गए उपयोगकर्ताओं द्वारा पहली बार जमा की गई कुल राशि पर लागू होता है. पहले कौशल-आधारित गेम्स पर 18% और मौके वाले गेम्स पर 28% जीएसटी लगता था. लेकिन अब यह अंतर खत्म हो गया है, जिससे गेमिंग कंपनियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है.

कंपनियों का कहना है कि जीएसटी केवल प्लेटफॉर्म फीस या कमीशन पर लगना चाहिए. इस मुद्दे को लेकर कानूनी विवाद भी चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में गेमिंग कंपनियों को जीएसटी नोटिस पर राहत दी है. अब 18 मार्च 2025 को होने वाली सुनवाई में इस मामले का निपटारा हो सकता है.

बजट 2025 से क्या चाहती है इंडस्ट्री?

ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को उम्मीद है कि इस बार के केंद्रीय बजट में उनकी समस्याओं को समझा जाएगा. ये हैं उनकी मुख्य मांगें:

जीएसटी दर घटाने की मांग: कौशल-आधारित गेम्स पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% करने की मांग हो रही है. इससे वित्तीय दबाव कम होगा और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा.

नीतिगत स्पष्टता: कौशल और मौके के खेलों के बीच अंतर को लेकर स्पष्ट नीतियां बननी चाहिए. इससे राज्यों में लागू जुआ कानूनों के साथ विरोधाभास खत्म होगा.

पुराने कर विवाद सुलझाना: कंपनियां चाहती हैं कि पूर्वव्यापी कराधान को खत्म किया जाए. इसके साथ ही जुर्माने और ब्याज में छूट देकर उन्हें राहत दी जाए.

स्टार्टअप्स के लिए प्रोत्साहन: कर छूट, वित्त पोषण योजनाएं और रिसर्च एंड डेवलपमेंट ग्रांट से स्टार्टअप्स को मजबूती मिल सकती है.

जीत पर कर की सीमा बढ़ाना: वर्तमान में 10,000 रुपये की आयकर सीमा को 50,000 रुपये करने की मांग हो रही है.

क्या कहता है भविष्य?

चुनौतियों के बावजूद, इंडस्ट्री भविष्य को लेकर उत्साहित है. अभी 1 लाख से ज्यादा लोग इस सेक्टर में काम कर रहे हैं और 2025 तक यह आंकड़ा 2.5 लाख तक पहुंच सकता है.

उद्योग ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है, जिससे कानूनी प्रक्रिया आसान हो सकती है. यदि सरकार संतुलित दृष्टिकोण अपनाती है तो यह क्षेत्र न केवल भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में योगदान देगा, बल्कि एक वैश्विक गेमिंग पावरहाउस के रूप में देश की पहचान भी बनाएगा.

केंद्रीय बजट 2025 ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा मौका है. जीएसटी में राहत, नीति में पारदर्शिता और नवाचार के लिए प्रोत्साहन से यह क्षेत्र नई ऊंचाइयों को छू सकता है. सही समर्थन मिला तो यह सेक्टर रोजगार, निवेश और राजस्व के मामले में एक गेम-चेंजर साबित होगा.

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16 January 2025, 05:18 PM IST

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