Gautam Adani Fraud Case: अडानी ग्रुप के चेयरमैन और भारत के दूसरे सबसे अमीर उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ अमेरिका में बड़े आरोप लगे हैं. उन पर और सात अन्य लोगों पर अरबों डॉलर की रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप हैं. इस मामले में अमेरिका की कोर्ट में सुनवाई हुई और अडानी और उनके भतीजे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं. इस आरोप के बाद, अडानी ग्रुप ने अमेरिका में 600 मिलियन डॉलर के बॉड को रद्द कर दिया है.
इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, अभियोजकों ने बुधवार को आरोपों का खुलासा किया. आरोप है कि अडानी ग्रुप ने सोलर एनर्जी के कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी. यह घटना तब सामने आई जब अडानी ने ग्रीन एनर्जी में निवेश का ऐलान किया और अमेरिकी राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप को उनकी चुनावी जीत पर बधाई दी थी.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अडानी ने ट्रंप को बधाई देने के दौरान कहा था कि ट्रंप ऊर्जा कंपनियों के लिए नियमों को आसान बनाने का वादा कर रहे हैं. इससे कंपनियों को संघीय भूमि पर ड्रिलिंग और पाइपलाइनों के निर्माण में मदद मिल सकती है.
अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) के मामले के अनुसार, गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिकी निवेशकों को धोखा दिया और भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी. अडानी और उनके साथियों पर यह आरोप है कि उन्होंने झूठे बयान देकर अमेरिकी निवेशकों और वित्तीय संस्थानों से फंड जुटाए, और फिर उस रकम का इस्तेमाल रिश्वत देने में किया. आरोप है कि अडानी और उनके अन्य साथी ने करीब 265 मिलियन डॉलर (करीब 2237 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी. इसके बदले, उन्हें उम्मीद थी कि इस सौदे से दो दशकों में 2 बिलियन डॉलर (करीब 16882 करोड़ रुपये) का मुनाफा होगा.
इस मामले में अडानी के भतीजे सागर अडानी और एक अन्य कार्यकारी विनीत जैन पर भी आरोप है कि उन्होंने अडानी ग्रीन एनर्जी के लिए 3 बिलियन डॉलर से अधिक के लोन और बॉड हासिल करने के लिए रिश्वत की बात छिपाई. ये आरोप अमेरिका के विदेशी भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत हैं, जो विदेशी व्यापार सौदों में रिश्वत के खिलाफ है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, गौतम अडानी और सागर अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं. अमेरिकी SEC ने इन दोनों के खिलाफ नागरिक आरोप दायर किए हैं, हालांकि अभी तक अमेरिकी सरकार ने अडानी और अन्य के खिलाफ पूरी जानकारी नहीं दी है.
इस अभियोग की खबर के कुछ घंटे पहले ही अडानी ग्रुप ने 600 मिलियन डॉलर के बॉंड को अमेरिकी कॉर्पोरेट बाजार में बेचने का प्रयास किया था. यह बॉंड ऑफर 3 गुना से अधिक ओवरसब्सक्राइब हुआ था, लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया गया. इससे पहले भी अडानी ने इसी तरह की पेशकश की थी, लेकिन निवेशकों के विरोध के कारण उसे स्थगित करना पड़ा था. First Updated : Thursday, 21 November 2024