Go First NCLT: गो फर्स्ट की याचिका को एनसीएलटी ने स्वीकार करते हुए कर्मचारियों को निकालने पर लगाई रोक
Go First Crisis: आर्थिक संकट से जूझ रही एयरलाइन कंपनी ने दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के लिए एनसीएलटी के पास याचिका दर्ज की थी। जिसे NCLT स्वीकार कर लिया गया है।
भयानक कर्ज के संकट में जूझ रही एयरलाइन कंपनी गो फर्स्ट को आज यानी बुधवार को बड़ी राहत मिल गई है। NCLT ने कंपनी की दिवाला प्रक्रिया शुरू करने की याचिका को मंजूरी देते हुए हिदायत भी दी है। NCLT ने फिलहाल किसी भी कर्मचारी को नौकरी से निष्कासित नहीं करने का आदेश दिया है।
कानूनी कार्रवाई करने से गो फर्स्ट को मिली सुरक्षा
एनसीएलटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ती रामलिंग सुधार और न्यायमूर्ति एल एन गुप्ता की पीठ ने आर्थिक कर्ज संकट में फंसी कंपनी को चलाने के लिए अभिलाषा लाल को अंतरिम पेशेवर नियुक्त किया है। पीठ ने कंपनी को कानूनी कार्रवाई करने का संरक्षण भी दिया है। इसके साथ ही ऋण शोधन कार्यवाही (दिवाला) प्रक्रिया के दौरान उसे चलाने के लिए निलंबित निदेशक मंडल से समाधान पेशेवर की मदद करने को भी कहा है।
गो फर्स्ट के कर्मचारियों को मिली बड़ी राहत
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण ने गो फर्स्ट एयरलाइन कंपनी को परिचालन जारी रखने की हिदायत दी है और फिलहाल किसी भी कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के लिए रोक लगाया है। NCLT के इस ऐलान से गो फर्स्ट के उन हजारों कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है। जिनके सामने अचानक बेरोजगार होने के संकट खड़ा हो गया था। मौजूदा समय में करीब 7 हजार कर्मचारी गो फर्स्ट एयरलाइन कंपनी में काम करते है। कंपनी की आर्थिक कर्ज की समस्या को देखते हुए कई कर्मचारियों ने दूसरी नौकरी खोजने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी।
इन कंपनियों ने किया विरोध
NCLT ने वाडियो ग्रुप की एयरलाइन कंपनी तथा विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियों की दलीलों को सुनने और विचार करने के बाद अपनी निर्णय सुरक्षित कर रख लिया है।
इस कारण गो फर्स्ट ने NCLT से लगाई गुहार
गो फर्स्ट एयरलाइन कंपनी इस समय गंभीर कर्ज समस्या में फंसी है इस बीच कंपनी ने NCLT से राहत की गुहार लगाते हुए इन्सॉल्वेंसी की याचिका दायर की थी। कंपनी ने अपनी याचिकाओं में वित्तीय देनदारियों का बोझ उठाने जैसे समस्या को बताया था।