Gold price today: इस वेडिंग सीजन सस्ता हुआ सोना, 2025 में पहली बार इतने गिरे दाम
Gold price today: बजट पेश होने के बाद लगातार दूसरे दिन सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है. 4 फरवरी 2025 को 24 और 22 कैरेट सोने के दाम में 400 रुपये तक की कमी आई, जिससे 10 ग्राम सोने का औसत भाव 84,100 रुपये के आसपास कारोबार कर रहा है. सरकार द्वारा इंपोर्ट ड्यूटी न बढ़ाने से सोने की कीमतों पर असर पड़ा है, और यह अब अपने पीक से नीचे आ रहा है.

Gold price today: बजट पेश होने के बाद लगातार दूसरे दिन सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है. इससे आम ग्राहकों और निवेशकों को राहत मिली है. 4 फरवरी 2025, मंगलवार को 24 और 22 कैरेट सोने के दाम में 400 रुपये तक की कमी आई है, जिससे 10 ग्राम सोने का औसत भाव 84,100 रुपये के आसपास कारोबार कर रहा है. सरकार ने इस बार बजट में सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी नहीं बढ़ाई, जिसका सीधा असर इसके दामों पर पड़ा है.
विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और अमेरिकी नीतिगत परिवर्तनों के कारण सोने की कीमतें लंबे समय से ऊंचाई पर बनी हुई थीं. हालांकि, मौजूदा गिरावट के बावजूद, ब्याज दरों में कटौती और बाजार में अस्थिरता बनी रहने से सोने और चांदी की कीमतों में आगे उछाल आने की संभावना है. भारत में शादी-ब्याह और त्योहारों के मौसम में सोने की मांग बढ़ जाती है, जिससे आने वाले महीनों में इसकी कीमतों में फिर से तेजी आ सकती है.
दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में सोने का दाम
दिल्ली में 24 कैरेट सोना करीब 400 रुपये की गिरावट के साथ 84,190 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जबकि 22 कैरेट सोने का भाव 77,190 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बना हुआ है. मुंबई में 24 कैरेट सोने का दाम 84,040 रुपये और 22 कैरेट सोना 77,040 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है. चेन्नई और कोलकाता में भी यही दाम देखने को मिल रहे हैं.
चांदी की कीमत में मामूली गिरावट
शनिवार, 3 फरवरी को चांदी के भाव में 100 रुपये की गिरावट देखी गई, जिससे यह 99,300 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई. इससे पहले चांदी की कीमत 99,400 रुपये थी. फिलहाल, चांदी अपने रिकॉर्ड स्तर 1,00,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक नहीं पहुंच पाई है.
सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव की वजहें
भारत में सोने की कीमतें कई कारणों से प्रभावित होती हैं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय बाजार के रुझान, सरकार द्वारा लगाई गई इंपोर्ट ड्यूटी, टैक्स दरें और रुपये की विनिमय दर शामिल हैं. सोना केवल निवेश का साधन नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा का अहम हिस्सा भी है. शादी-ब्याह और त्योहारों के समय इसकी मांग बढ़ने से कीमतें भी बढ़ जाती हैं. निवेशकों के लिए यह एक सुरक्षित संपत्ति मानी जाती है, इसलिए इसकी कीमत में बदलाव का सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ता है.