PMLA : देश में अकसर जीएसटी भरने से कई लोग बचते हैं. टैक्स भरने से बचने के कई कुछ व्यापारी, दुकानदार या कंपनियां जीएसटी में गड़बड़ी भी करती हैं. लेकिन अब केंद्र सरकार ने इस तरह के मामलों पर रोक लगाने के लिए बड़ा फैसला लिया है. दरअसल सरकार ने गुड्स एंड सर्विसेट नेटवर्क को पीएमएलए के तहत लाने का निर्णय लिया है. इस संबंध में एक अधिसूचना भी जारी की गई है. इसके बाद जीएसटी में चोरी करने पर ईडी द्वारा एक्शन लिया जाएगा.
सरकार के फैसले के अनुसार अगर कोई फर्म, व्यापारी संस्था जीएसटी में चोरी करता है तो ऐसे मामलों में ईडी सीधे दखल दे सकेगी. साथ ही ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी. आपको बता दें कि सरकार ने यह कदम इनडायरेक्ट टैक्स और कस्टम टैक्स चोरी को रोकने के लिए उठाया है.
अधिसूचना के अनुसार जीएसटी नेटवर्क का डाटा की पूरी डिटेल ईडी को दी जाएगी. बता दें अधिसूचना पीएमएलए धारा 66(1) (iii) के तहत ईडी व जीएसटीएन के बीच जानकारी शेयर करने के संबंध में है.
प्रवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग काननू (PMLA) को मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने और शामिल संपत्ति को जब्त करने के लिए लाया गया था. इस कानून के तहत सरकार के पास गैरकानूनी तरीके से कमाई गई संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार होता है. इस कानून को 2002 में पारित किया गया था. लेकिन धन शोधन निवारण अधिनियम को 1 जुलाई 2005 में लागू किया गया.
केंद्र सरकार द्वारा देश में जीएसटी को लागू हुए 6 साल पूरे हो चुके हैं. इस दौरान 2017 से टैक्सपेयर की संख्या बढ़कर दोगुनी यानी करीब 1.4 करोड़ हो गई है. रिपोर्ट के अनुसार जीएसटी का मंथली राजस्व 2017-18 में करीब 90,000 करोड़ रुपये था जो अब बढ़कर 1.69 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है. First Updated : Sunday, 09 July 2023