90 Hour Work पर छिड़ी बहस, जानें किस देश में सबसे ज्यादा देर तक लोग करते हैं काम

India Working Hours: लार्सन एंड टूब्रो के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यम का कहना है कि कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे काम करने और रविवार को भी काम करने को कहा गया, जिसके कारण नया विवाद खड़ा हो गया, तो आइए जानते हैं दुनिया के किन देशों में सबसे ज्यादा काम होता है...

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India Working Hours: भारत में औसतन एक कर्मचारी प्रति सप्ताह 46.7 घंटे काम करता है, जिसमें 51% कार्यबल 49 या उससे अधिक घंटे काम करता है. यह डेटा अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की रिपोर्ट से सामने आया है, जिसने दुनिया के सबसे अधिक काम करने वाले देशों की सूची जारी की है.

भारत में काम के घंटे पर बढ़ी बहस

आपको बता दें कि लार्सन एंड टूब्रो (L&T) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन के एक बयान ने सोशल मीडिया पर काम के घंटों को लेकर बहस छेड़ दी है. उन्होंने कर्मचारियों को प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए रविवार सहित सप्ताह में 90 घंटे तक काम करने का सुझाव दिया. इससे पहले, इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति और शादी डॉट कॉम के सीईओ अनुपम मित्तल ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए थे.

ILO रिपोर्ट के अनुसार भारत की स्थिति

ILO के अनुसार, भारत दुनिया में सबसे ज़्यादा काम करने वाले देशों में 13वें स्थान पर है. रिपोर्ट के अनुसार:

  • औसतन भारतीय कर्मचारी प्रति सप्ताह 46.7 घंटे काम करता है.
  • 51% भारतीय कर्मचारी हर सप्ताह 49 या उससे अधिक घंटे काम करते हैं.

सबसे लंबे समय तक काम करने वाले शीर्ष 10 देश

  1. भूटान - 54.4 घंटे प्रति सप्ताह
  2. संयुक्त अरब अमीरात (UAE) - 50.9 घंटे प्रति सप्ताह
  3. लेसोथो - 50.4 घंटे प्रति सप्ताह
  4. कांगो - 48.6 घंटे प्रति सप्ताह
  5. कतर - 48 घंटे प्रति सप्ताह
  6. लाइबेरिया - 47.7 घंटे प्रति सप्ताह
  7. मॉरिटानिया - 47.6 घंटे प्रति सप्ताह
  8. लेबनान - 47.6 घंटे प्रति सप्ताह
  9. मंगोलिया - 47.3 घंटे प्रति सप्ताह
  10. जॉर्डन - 47 घंटे प्रति सप्ताह

सबसे कम काम करने वाले देश

  1. वानुअतु - 24.7 घंटे प्रति सप्ताह
  2. किरिबाती - 27.3 घंटे प्रति सप्ताह
  3. माइक्रोनेशिया - 30.4 घंटे प्रति सप्ताह

बता दें कि भारत में काम के घंटे पहले से ही बहुत अधिक हैं और इस पर बहस तेज होती जा रही है. ILO की रिपोर्ट बताती है कि भारत में श्रमिकों पर अधिक कार्यभार है. इस मुद्दे पर संतुलित कार्य नीति और श्रमिकों के स्वास्थ्य व उत्पादकता के बीच सामंजस्य बनाए रखने की आवश्यकता है. First Updated : Sunday, 12 January 2025