ITR Filing: आपने भी अब तक दाखिल नहीं किया ITR, तो 31 दिसंबर तक कर लें ये काम

ITR Filing: आयकर विभाग ने ऐसे करदाताओं के लिए एक और मौका देने को लेकर अलर्ट जारी की है. जो वित्त वर्ष 2022-23 और आकलन वर्ष 2023-24 के लिए अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने की 31 जुलाई की समय सीमा से चूक गए हैं और अभी तक विलंबित रिटर्न दाखिल नहीं किया है.

calender

Income Tax Department On Last Date of ITR Filing: आयकर विभाग ने ऐसे करदाताओं के लिए एक और मौका देने को लेकर अलर्ट जारी की है. जो व्यक्ति वित्त वर्ष 2022-23 और आकलन वर्ष 2023-24 के लिए अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की 31 जुलाई की समय सीमा से चूक गए हैं और अभी तक विलंबित रिटर्न दाखिल नहीं किया है. अब वह 31 दिसंबर, 2023 तक अपना आयकर रिटर्न दाखिल करत सकते हैं. आयकर विभाग ने हाल ही में ऐसे करदाताओं को अलर्ट किया है कि 31 दिसंबर उनके लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए विलंबित/संशोधित आईटीआर रिटर्न दाखिल करने का आखिरी मौका है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए आयकर विभाग ने लिखा, “ करदाता कृपया ध्यान दें, 31 दिसंबर 2023 निर्धारण वर्ष 2023-2024 के लिए विलंबित/संशोधित आईटीआर दाखिल करने का आपका आखिरी मौका है. जल्दी करो! नियत तारीख से पहले अपना आईटीआर दाखिल करें.

कैसे दाखिल करें विलंबित रिटर्न?

विलंबित रिटर्न दाखिल करना आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139(4) के अंतर्गत आता है और पांच हजार रुपये तक का जुर्माना लगता है, हालांकि, छोटे करदाताओं, जिनकी कुल आय पांच लाख रुपये से अधिक नहीं है उनके लिए यह एक रुपये तक कम हो जाता है. 

विलंबित आईटीआर दाखिल करने के लिए, व्यक्तियों को आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपने खातों में लॉग इन करके मूल आईटीआर दाखिल करने जैसी ही प्रक्रिया का पालन करना होता. बता दें के आईटीआर फॉर्म में उपयुक्त अनुभाग, यानी, 139(4) का चयन करना महत्वपूर्ण है. हालांकि विलंबित आईटीआर के लिए कोई अलग फॉर्म नहीं है, लेकिन आकलन वर्ष 2023-24 के लिए अधिसूचित फॉर्म का उपयोग सुनिश्चित करें. 

विलंबित ITR फाइलिंग से जुड़ी अहम जानकारी  

विलंबित आईटीआर दाखिल करने से पहले जुर्माना, टैक्स और पेनाल्टी ब्याज का भुगतान किया जाना आवश्यक है. आयकर विभाग के धारा 234F में छोटे करदाताओं के लिए पांच हजार रुपये या एक हजार रुपये का जुर्माना अनिवार्य है और लंबित आयकर भुगतान पर धारा 234ए के तहत 1 प्रतिशत प्रति माह पेनाल्टी ब्याज का भी प्रावधान है. 

किसी भी करदाता को यह ध्यान देना आवश्यक है कि एडवांस टैक्स भुगतान में किसी भी कमी के लिए, धारा 234बी और धारा 234सी के तहत दंडात्मक ब्याज की गणना की जाती है, जो प्रति माह 1 प्रतिशत है.  First Updated : Thursday, 28 December 2023