विदेशी शराब के शौकीनों के लिए खुशखबरी! सस्ती होने जा रही है ये ब्रांडेड व्हिस्की
शराब सेहत के लिए हानिकारक है लेकिन बावजूद इसके लोग शराब पीते है. भारत में शराब का कंजप्शन लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में कई देसी ब्रांड की लोकप्रियता बढ़ रहा है. इंडिया मेड फॉरेन लिकर का भी देश में अलग क्रेज देखने को मिल रहा है. इस बीच विदेशी शराब पीने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर सामने आई है. जानकारी मिली है कि देश में बहुत जल्द व्हिस्की की कीमतें कम होने जा रही हैं.
India Europe Free Trade Agreement: शराब एक ऐसा पेय पदार्थ है जिसमें अल्कोहल की मात्रा और नशा लाने की क्षमता होती है. हालांकि सभी ब्रांड के शराब की अपेक्षित क्षमता अलग-अलग जरूर होती है. शराब अक्सर पार्टी के दौरान या खुशिया मनाने के दौरान पी जाती है. कई लोग शराब को बोरियत मिटाने, खुशी मनाने, चिन्ता में या फिर आत्मविश्वास लाने के लिए या मूड बनाने के लिए पीते हैं.
बहुत से लोग शराब को ऑस्ट्रेलियाई संस्कृति और जीवनशैली का हिस्सा मानते हैं लेकिन शराब पीने का मतलब हमेशा अच्छा समय बिताना नहीं होता. बहुत ज्यादा शराब पीने से कई नुकसान हो सकते हैं. कई बार ज्यादा शराब पीने से जान भी चली जाती है लेकिन बावजूद इसके कई लोग ऐसे हैं जो शराब की लत में है.
भारत में सस्ती हो सकती है ब्रांडेड व्हिस्की
ऐसे में अगर आपके भी दोस्त, परिवार में किसी को विदेशी शराब पीने का शौक है तो ये खबर आपके लिए है. दरअसल, भारत में बहुत जल्द विदेशी ब्रांड की व्हिस्की सस्ती होने वाली है. इसके लिए भारत और यूरोपीय संघ के बीच समझौते (FTA) को लेकर बातचीत शुरू हो गई है. इस समझौते के तहत शराब पर टैक्स कम करना भी बैठक का एक अहम एजेंडा है.
100% तक कम हो जाएगी विदेशी शराब की कीमत
यूरोपीय संघ और भारत के बीच इस समझौते पर बात चल रही है कि भारत में विदेशी शराब यानी यूरोप से आने वाली व्हिस्की पर इंपोर्ट ड्यूटी का काम करें. अभी देश में विदेशी शराब पर 150 प्रतिशत का टैक्स भरना पड़ता है. ऐसे में अगर ये डील पक्की हो गई तो एफटीए के तहत भारत अगले 10 साल में इंपोर्ट ड्यूटी को 150 से 50 प्रतिशत तक लाने का टारगेट रखा है.
भारत सरकार चाहता है कि उसके यहां जो व्हिस्की प्रोड्यूस होती है, उसके यूरोप एक्सपोर्ट के लिए उसका मैच्योरिटी पीरियड कम कर दिया जाए. भारत व्हिस्की की मैच्योरिटी एज को 3 साल से नीचे लाने की शर्त रखा है जिस पर 5 दिवसीय बैठक में सहमति बनने की उम्मीद है.