आर्थिक मोर्चे पर भारत को झटका! मूडीज ने भारत के जीडीपी विकास अनुमान को घटाया
टैरिफ को लेकर वैश्विक तनाव के बीच यह खबर आर्थिक मोर्चे पर भारत के लिए एक झटका है। अंतर्राष्ट्रीय शोध फर्म मूडीज ने भारत की जीडीपी वृद्धि दर के अपने पहले के अनुमान 6.4 प्रतिशत को घटाकर अब 6.1 प्रतिशत कर दिया है।

बिजनैस न्यूज. टैरिफ युद्ध के बीच भारत को आर्थिक मोर्चे पर बड़ा झटका लगा है। दरअसल, देश की आर्थिक वृद्धि को लेकर एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट सामने आई है। वित्तीय सेवा फर्म मूडीज एनालिटिक्स ने कैलेंडर वर्ष 2025 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि अनुमान को 30 आधार अंक घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया है। रत्न एवं आभूषण, चिकित्सा उपकरण और कपड़ा उद्योग पर अमेरिकी टैरिफ के खतरे के मद्देनजर यह अनुमान कम किया गया है।
इस बात का असर होगा
मूडीज रेटिंग्स की इकाई मूडीज एनालिटिक्स ने कहा कि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत से आयात पर 26% शुल्क लगाने से व्यापार संतुलन पर भारी असर पड़ेगा। मूडीज एनालिटिक्स ने अधिकांश टैरिफ पर 90 दिन की रोक तथा 10 प्रतिशत प्रतिस्थापन दर की मांग करते हुए कहा कि उसकी अप्रैल की आधार रेखा उस आर्थिक क्षति को दर्शाती है जो टैरिफ के पूर्णतः लागू होने पर होगी। इसमें कहा गया है कि इस वर्ष के प्रारंभ में घोषित कर प्रोत्साहनों से घरेलू अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा तथा अन्य जोखिम लेने वाली अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में टैरिफ के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी।
आरबीआई करेगा कटौती
मूडीज ने कहा कि चूंकि समग्र मुद्रास्फीति अच्छी गति से घट रही है, इसलिए उम्मीद है कि आरबीआई रेपो दर में कटौती करेगा, जो संभवतः 0.25% की कटौती के रूप में होगी। इससे वर्ष के अंत तक नीतिगत दर 5.75% पर रह जायेगी। उन्होंने कहा - इस वर्ष घोषित कर प्रोत्साहनों से घरेलू अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और अन्य कमजोर अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में समग्र विकास पर कर के झटके को कम करने में मदद मिलेगी। एपीपीसी की बैठक के बाद आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति में बदलाव किया और इसमें 25 आधार अंकों की कटौती की। इसके बाद आरबीआई की रेपो दर फिलहाल 6 फीसदी है। वहीं, आरबीआई ने वित्त वर्ष 2026 के लिए महंगाई दर का अनुमान घटाकर 4 फीसदी कर दिया है।